English, asked by ankitroy58, 11 months ago

Sonpur Ka Mela kis wajah se prasidh hai

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Answered by aditya18011
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सोनपुर के मेले में वीर कुंवर सिंह वहां पर भारत को आजादी दिलाने के लिए नई नई योजनाएं बनाते थे वहां पर वह ने एक खुफिया बैठक रखते थे जिस्म की वह भारत को आजाद करने के लिए नए-नए तरकीब सोचते थे l
Answered by shubhamkp2506
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सोनपुर मेला बिहार के सोनपुर में हर साल कार्तिक पूर्णिमा(नवंबर-दिसंबर) में लगता हैं।[1][2] यह एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला हैं।[3][4] मेले को 'हरिहर क्षेत्र मेला' के नाम से भी जाना जाता है जबकि स्थानीय लोग इसे छत्तर मेलापुकारते हैं।[5] बिहार की राजधानी पटना से लगभग 25 किमी तथा वैशाली जिले के मुख्यालय हाजीपुर से ३ किलोमीटर दूर सोनपुर में गंडक के तट पर लगने वाले इस मेले ने देश में पशु मेलों को एक अलग पहचान दी है।[6][7]इस महीने के बाकी मेलों के उलट यह मेला कार्तिक पूर्णिमापर स्नान के बाद शुरू होता है।[8][9] एक समय इस पशु मेले में मध्य एशिया से कारोबारी आया करते थे। अब भी यह एशिया का सबसे बडा पशु मेला माना जाता है।[10] सोनपुर पशु मेला में आज भी नौटंकी और नाच देखने के लिए भीड़ उमड़ती है।[11] एक जमाने में यह मेला जंगी हाथियों का सबसे बड़ा केंद्र था। मौर्य वंश के संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य(340 ई॰पु॰ -298 ई॰पु), मुगल सम्राट अकबर और 1857 के गदर के नायक वीर कुँवर सिंह ने भी से यहां हाथियों की खरीद की थी।[12] सन् 1803 में रॉबर्ट क्लाइव ने सोनपुर में घोड़े के बड़ा अस्तबल भी बनवाया था।[13] एक दौर में सोनपुर मेले में नौटंकी की मल्लिका गुलाब बाई का जलवा होता था।[14]

सोनपुर मेला में भू-राजस्व विभाग का स्टॉल से बिहार के सभी राजस्व ग्रामों का डिजिटल मानचित्र 150 रूपये मात्र सरकारी शुल्क के द्वारा कोई भी नागरिक तीन मिनट के अन्दर प्राप्त कर सकते हैं।[15] यह कार्य राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र पटना के तकनीकी सहयोग के द्वारा किया गया है। समय के बदलते प्रभाव के असर से हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला, पशु बाजारों से हटकर अब आटो एक्स्पो मेले का रूप लेता जा रहा है। पिछले कई वर्षों से इस मेले में कई कंपनियों के शोरूम तथा बिक्री केंद्र यहां खुल रहे हैं।[16] मेले में रेल ग्राम प्रदर्शनी लगी।[17] रेलग्राम में टॉय ट्रेन चलाई जा रही।[18]सोनपुर मेले के प्रति विदेशी पर्यटकों में भी खास आकर्षण देखा जाता है।[19][20][21] जर्मनी, अमेरिका, फ्रांस एवं अन्य विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए स्विस कॉटेजों का निर्माण किया जाता है।[22][23] पर्यटकों को पटना एयरपोर्ट से सोनपुर मेला आने व जाने के लिए प्रीपेड टैक्सी भी उपलब्ध कराई जायेगी।[24][25]






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