story of jain ramayan
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जैन रामायण के अनुसार बाली को हटाकर जब सुग्रीव को सिंहासन सौंपा गया तो बाली ने जैन धर्म अपना लिया. इस रामायण की खास बात ये है कि इसमें रावण का वध भगवान राम नहीं करते हैं बल्कि लक्ष्मण जी रावण का वध करते हैं. इस रामायण में रावण को एक न्यायप्रिय राजा के तौर पर बताया गया है, जो जैन धार्मिक स्थलों की रक्षा करता है.
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Explanation:
बाली ने अपनाया जैन धर्म
बाली प्रसंग जैन रामायण में अलग है. जैन रामायण के अनुसार बाली को हटाकर जब सुग्रीव को सिंहासन सौंपा गया तो बाली ने जैन धर्म अपना लिया.
रावण वध
इस रामायण की खास बात ये है कि इसमें रावण का वध भगवान राम नहीं करते हैं बल्कि लक्ष्मण जी रावण का वध करते हैं. इस रामायण में रावण को एक न्यायप्रिय राजा के तौर पर बताया गया है, जो जैन धार्मिक स्थलों की रक्षा करता है. उसकी सिर्फ एक कमी बताई गई है. सीता हरण रावण का सबसे बड़ा दोष बताया गया है. लंका से विजय प्राप्त कर लौटने के बाद अयोध्या की गद्दी प्रभु राम को सौंप दी जाती है. बाद में जब लक्ष्मण की मृत्यु हो जाती है तो राम राज-पाठ त्यागकर जैन साधु बन जाते हैं
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