Hindi, asked by Salini2984, 1 year ago

Summary of poem of kabir class 11 aroh

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Answered by mchatterjee
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कबीरदास जी पक्के कट्टरवाद थे। उनको जो चीज पसंद नहीं थी। उनका वह खुलकर विरोध करते थे। वह समाज में एकतावाद की स्थापना करते थे। सबको साथ में लेकर चलने और रहने की बात करते थे।

वह कहते हैं कि हम सब एक ही हैं जो ईश्वर को एक नही मानता है भिन्न समझता है वह नरक को प्राप्त होता है। नरक यानी परमात्मा को न पहचानकर मार्ग में भटककर दुखी होने को नरक की संज्ञा दी गई है।

इस संसार में सब कुछ एक है पानी, ज्योत उजाला सब कुछ एक है क्योंकि हमें पानी का स्वाद कभी भी भिन्न नहीं मिलता। वैसे ही हर मनुष्य के अंदर का परमात्मा भी एक ही है।

कुम्हार के बनाई गई मिट्टी के बर्तनों की तरह हम भी मिट्टी से बने ‌‌‌‌है।

कबीरदास जी के अनुसार है मानव का स्वभाव बच्चों के समान होना चाहिए क्योंकि बालक की तरह रहने से हमें दुख दर्द का अनुभव नहीं होता है।


Answered by prerana886
3

Answer:

thx for the answer

Explanation:

@mchatterjee

it was really helpful

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