Summary of the lesson rid ki haddi
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रीढ़ की हड्डी पाठ का सारांश
रीढ़ की हड्डी पाठ जगदीशचन्द्र माथुर द्वारा लिखी गई है| पाठ में लड़कियों को शादी के लिए भेड़ बकरियों की तरह उन्हें पहले परखा जाता है| लड़कों के दोषों को न देखकर लड़की के गुण पर दोषों की छानबीन की जाती है|
कहानी में उमा के विवाह के लिए गोपाल और उनके पुत्र शंकर देखने घर आते है| उमा एक पढ़ी लिखी हुई लड़की थी| उमा के पिता रामस्वरूप अपनी पुत्री की उच्च शिक्षा को छिपाते है| जब उमा सब के सामने आई तब , गोपाल हैरान हो जाते है| उमा लड़कियों को भेड़-बकरी की तरह मानने वाले गोपाल को बहुत सुनती है| उमा उनके बेटे शंकर का लड़कियों के छात्रावास के चक्कर काटने की आदत के बारे में सब को बता देती है| वह कहती है शंकर छात्रावास के चक्कर लगाने के कारण वह बुरी तरह पिट चुके है , जिसके कारण उनकी रीढ़ की हड्डी की टूट गई है| वह बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचा सके थे| गोपाल यह सब सुन कर अपना संतुलन खो बैठता है| शंकर की यह सुनकर हैरान रह जाता है| इस प्रकार यह नाटक खत्म हो जाता है|