Summary of the poem kadam milakar chalna hoga
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यह कविता कदम मिलाकर चलना होगा अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लिखी गई |
कविता अटल बिहारी वाजपेयी समझाना चाह रहे है ,
एक बेहतर कल के लिए, कठिनाइयों के बावजूद, देशवासियों से एक साथ चलने की अपील का वर्णन किया था |
जितनी बाधाएं और मुश्किलें आती रहेंगी
पांवों के नीचे अंगारे भी होंगे, सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं
हमें या साथ हाथ-हाथ से मिलाकर हंसते-हंसते, आगे बढ़ते रहना है |
कदम मिलाकर चलना होगा|
तूफ़ानों में, अपमानों में, सम्मानों में, पीड़ाओं का सामना करना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा| आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है चाहे कोई भी संकट आ जाए बस सब का सामना करना है | डरना नहीं हिम्मत नहीं हारनी है बस प्यार से आगे चलते जाना है | कदम मिलाकर चलना होगा|
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Explanation:
यह कविता हमारे पूर्व प्रधानमंत्री पंडित अटल बिहारी बाजपेई के द्वारा लिखा गया है।
इस कविता के जरिए कवि यह बताना चाहते हैं कि बाधाओं को दूर करते हुए, उन्हें अपने रास्ते से रौंदते हुए, उन्नति की राह पर बढ़ने की प्रेरणा दी है। कवि कहना चाहते हैं कि हमारे जीवन में कई बार सफलता और असफलता आती हैं, सुख और दुख के क्षण आते हैं, लेकिन हमें इन क्षणों मे हार मानकर कभी बैठना नहीं चाहिए, बल्कि इनका सामना करना है ,मुसीबतों को दूर करना है और यह क्षण तो जीवन में अब बार-बार आएंगे ही, अब इन्हें दूर करना ही हमारा एक मात्र लक्ष्य होना चाहिए, भले ही इसके लिए हमें अपने जीवन की आहुति ही क्यों न देना पड़े लेकिन उससे पीछे हमें नहीं हटना चाहिए।