Hindi, asked by Sujal123445, 9 months ago

Surdas dwara Rachit pad se aapko unke Yug ke bare mein kya Jankari milati hai

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Answered by jayathakur3939
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कबीरदास  : -

कबीरदास मध्यकालीन के महानतम कवियों में से एक थे | इनका जन्म काशी में 1398  में हुआ था | इनके जन्म के बारे में भी मतभेद हैं | कबीरदास सफल साधक के साथ एक समाज सुधारक भी थे | वे जीवन और उसके अंदर की भावनाओं को काफी महत्वपूर्ण बनाने पर जोर दिया करते थे | कवि सूरदास को हिंदी साहित्य में भक्तिकाल का श्रेष्ठ कवि माना जाता था | इनकी रचनाएँ हमेशा ही कृष्ण भक्ति से | भरी होती थी | सूरदास  को वात्सल्य रस का राजा माना जाता है | उन्होंने श्रृंगार रस का भी बड़ा सुन्दर वर्णन किया है

इनकी रचनाओं में धर्म का कहीं भी खास ज़िक्र नहीं था | इनके नाम पर कबीर पंथ का सम्प्रदाय भी काफी प्रसिद्ध रहा है | इस समुदाय के लोग इन्हें अवतारी पुरुष मानते थे |उनका मानना था कि मनुष्य की मौत उसके कर्मों के अनुसार होती है | स्थान विशेष के कारण किसी को कुछ नहीं मिलता, इसलिए अपने जीवन के अंतिम दिनों में वह मगहर चले गए थे | उस समय लोगों में यह धारणा थी कि काशी में मरने से स्वर्ग मिलता है, तो मगहर में नरक | कबीर का एक दोहा देखिये…

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।

जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।।

अर्थात, जब मैं इस संसार में बुराई को देखता था, तब वास्तव में मुझे कोई बुरा नहीं मिला | हाँ, जब मैंने खुद का ईमानदारी से विचार किया, तो मुझसे बड़ी बुराई नहीं मिली |

इस दोहे में कबीरदास अपने भीतर की बुराई देखने की सीख देते हैं, बजाय की दूसरों की बुराई देखने के | ऐसे अनेक प्रेरक दोहे कबीरदास के मौजूद हैं, जिन्हें अपने जीवन में हम उतार सकते हैं |

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