Hindi, asked by cherrykushi007, 3 months ago

तौलिया कौन सा शब्द है?

1. देशज
2.विदेशज
3.तत्सम

choose the correct option​

Answers

Answered by jasvirsingh29953
3

Answer:

देशज

Explanation:

Hope this is helpful for you

Answered by keshav9686
0
  • \huge\red{\mid{\fbox{\tt(answer)}\mid}}
  • हिंदी भी अजब गज़ब है। इसके जन्म से आज तक के इतिहास पर नज़र डालें तो हमें विस्मित होने पर मज़बूर होना पड़ता है कि कैसे कोई भाषा झंझावातों का सामना करते हुए विपरीत परिस्थितियों के अंधड़ में भी बिना दीपशिखा को विचलित किए शान से खड़ी रह सकती है और दुनिया को बताती रहती है कि ये अंधड़ तो मेरी जिजीविषा शक्ति को और बढ़ाने के औज़ार भर हैं, इनसे तो मुझे जीवनपथ पर आगे बढ़ने के लिए ज़रूरी ऊर्जा मिलती है। पैदा होने से लेकर आज तक जिस भाषा को कभी राज्याश्रय न मिला हो और न ही कवियों ने इसे प्रारम्भ में गले से लगाया हो बल्कि इस भाषा में लिखने पर वे कहते हों कि "भाषा बोल न जानहीं जिनके कुल के दास, तिन भाषा कविता करी, जडमति केशव दास। ऐसी भाषा बीते एक हज़ार सालों से न सिर्फ डटकर खड़ी है बल्कि वह संसार की सबसे ज्यादा व्यवहृत करने वाली बोली ( अगर उर्दू भी जोड़ लें) बन जाए तो इसे अजूबा ही कहा जाएगा। हिंदी के मानक रूप को यदि ध्यान से देखें तो पाएंगे कि मानक हिंदी देश के किसी भी हिस्से की मातृभाषा आज तक नहीं रही है फिर भी यह विश्व भाषा बनने की ओर अग्रसर है और दुनिया के भाषाई मानचित्र पर अपनी छाप छोड़ रही है। और भी मज़े की बात यह कि हिंदी साहित्य का पहला इतिहास गार्सा द तासी इस्त्वार द ल लितरेत्यूर ऐन्दूई ऐन्दूस्तानी फ्रेंच भाषा में लिखते हैं, हिंदी का पहला अख़बार उदंत मार्तण्ड बांग्लाभाषी क्षेत्र कलकत्ता से निकलता है, पहली हिंदी फ़िल्म मराठी भाषी क्षेत्र बंबई में एक पारसी के हाथों बनती है, पहली हिंदी वेबसाइट शारजाह में पूर्णिमा बर्मन द्वारा तैयार होती है, हिंदी का पहला सॉफ्टवेयर सी डैक, पुणे में बनता है, हिंदी का पहला थिसॉरस एक फ़िल्म पत्रिका के संपादक अरविन्द कुमार तैयार करते हैं। हिंदी का पहला विश्वविद्यालय महाराष्ट्र के वर्धा में स्थापित होता है। हिंदी फ़िल्मी गीतों पर रूसी भी झूमता है, चीनी भी झूमता है, जापानी भी झूमता है तो केन्याई भी झूमता है। क्या है इस हिंदी में , जो औरों में नहीं है? हाँ दोस्त, कुछ तो है इस भाषा में जिसके कारण दुनिया इसकी दीवानी है। वजह एक ही है, वह है इस भाषा की सर्वसमावेशी प्रवृत्ति। हिंदी ने अरबी, फ़ारसी, फ्रेंच, जापानी,पुर्तगाली, चीनी, डच, अंग्रेजी सभी भाषाओँ के शब्दों को बड़े प्यार से अपनाया है और उसे इस प्यार से अपने आँचल में ओट दी है कि ऐसा लगता ही नहीं कि वे पराए शब्द हैं। क्या कोई आम आदमी यह मानने को तैयार होगा कि हिंदी के ये प्रचलित शब्द वास्तव में विदेशी हैं ? क्या कोई मानेगा कि औरत, अदालत, कानून, कुर्सी, कीमत, गरीब, तारीख, जुर्माना, जिला, शादी, सुबह, हिसाब आदि अरबी भाषा के शब्द हैं, तनख्वाह, आदमी, चश्मा, बीमार, गुब्बारा, जानवर, जेब इत्यादि फ़ारसी भाषा के शब्द हैं, अचार, चाभी, संतरा, साबुन, पपीता, आलपिन, बाल्टी, गमला, बस्ता, मेज, बटन, कारतूस, तिजोरी, तौलिया, फीता, तंबाकू, कॉफी, आदि पुर्तगाली शब्द हैं, कैंची, चाकू, तोप, बारूद, लाश, दारोगा, बहादुर, चम्मच, उर्दू, तमाशा, चुगली, कालीन, चेचक तुर्की भाषा के शब्द हैं, काजू, कारतूस, मेयर, अँगरेज़, रेस्तरां, सूप आदि फ्रेंच भाषा के शब्द हैं, तुरुप, बम, चिड़िया, ड्रिल डच भाषा के शब्द हैं, बुजुर्ग रूसी भाषा का शब्द है, एटलस, टेलीफोन, एकेडमी आदि यूनानी शब्द हैं, रिक्शा जापानी शब्द है। और तो और " हिंदी" शब्द भी हिंदी का अपना नहीं है बल्कि यह फ़ारसी से लिया गया है। ऐसी सर्वसमावेशी भाषा को तो सबकी दुलारी होना ही था। कमर्शियल हिंदी फिल्मों की हम लाख आलोचना कर लें लेकिन यह वास्तविकता है कि इन्होंने अपनी मसालेदार कहानियों एवं गीतों से हिंदी को विश्वपटल पर अपने पैर मज़बूती से ज़माने में सहायता की है। यूनिकोड, लैंग्वेज कनवर्टर, ट्रांस्लिट्रेट सॉफ्टवेयर आदि के आ जाने से हिंदी की पहुँच और भी व्यापक हुई है। भूमंडलीकरण के फलस्वरूप दुनिया के एक लैपटॉप में सिमट जाने से भी हिंदी की पहुँच व्यापक हुई है। एकता कपूर मार्का सास-बहू के सीरियलों की चटखारेदार दुनिया ने भी हिंदी की व्याप्ति बढ़ाने में सहायता की है। आज हम कह सकते हैं कि हिंदी का भविष्य उज्जवल है और यह आगे और आगे और भी आगे ऐसे ही बढ़ती जाएगी।
Similar questions