‘तुमुल’ खण्डकाव्य के आधार पर मेघनाद की चरित्रगत विशेषताएँ लिखिए ।
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श्यामनारायण पाण्डेय द्वारा रचित ‘तुमुल’ खण्डकाव्य का कथानक पौराणिक आख्यान के आधार पर लिखा गया है। इसमें लक्ष्मण-मेघनाद के युद्ध का वर्णन है, जिसे पन्द्रह सर्गों में विभक्त किया गया है। कथानक का सर्गानुसार संक्षेप निम्नलिखित है
प्रथम सर्ग ( ईश-स्तवन) में कवि ने मंगलाचरण के रूप में ईश्वर की स्तुति की है, जिसमें निराकार, निर्गुण और सर्वशक्तिमान ईश्वर की सर्वव्यापकता पर प्रकाश डाला गया है।
द्वितीय सर्ग ( दशरथ-पुत्रों का जन्म एवं बाल्यकाल ) में कवि ने राजा दशरथ के चार पुत्रों के जन्म एवं बाल्यकाल का वर्णन किया है। राजा दशरथ के राम्, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न चार पुत्र उत्पन्न हुए। इन भाइयों में परस्पर प्रगाढ़ प्रेम था। इनके बचपन की लीलाएँ राजमहल की शोभा को द्विगुणित कर देती हैं। राम एवं लक्ष्मण का जन्म राक्षसों के विनाश एवं साधु-सन्तों को अभयदान देने के लिए ही हुआ था। राजा दशरथ नीतिज्ञ, सुख-शान्ति में विश्वास रखने वाले तथा सच्चरित्र थे।
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