Hindi, asked by pranay1038, 1 year ago

टूटे-फूटे खंडहर, सभ्यता और संस्कृति के इतिहास के साथ-साथ धड़कती जिंदगीयों के अनछुए समयों का भी दस्तावेज होते हैं - इस कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।

Answers

Answered by dcharan1150
28

दिए गए वाक्य का भाव स्पष्ट कीजिए |

Explanation:

इंसानी जीवन अनिश्चितताओं से भरी हुई हैं, कब यह जीवन समाप्त हो जाए यह कोई नहीं कह सकता हैं| इसलिए हम आज जो भी इतिहास पढ़ रहें हैं, वह हमें बतलाने के लिए कोई इंसान जिंदा नहीं हैं| परंतु हाँ सदियों पहले बनी पुरानी खंडहरें और राज प्रासाद आज भी अपने अंदर इतिहास की पन्नों को समेटे हुए हैं|

टूटे-फूटे खंडहर न बल्कि हमारे प्राचीन इतिहास की धरोहर हैं, परंतु यह हमारे जिंदगी से भी जुड़ी हुई हैं| समय के चक्र ने भले ही इन्हें अपने मूल स्वरूप से वंचित कर दिया हैं, परंतु आज भी कहीं न कहीं इन्हें देख कर हमारे मन में इनके प्रति एक गर्व, एक शिहरण सा भाव प्रकट होता हैं|

ऐसे लगता हैं जैसे हमारे धड़कती नब्ज व जिंदगी में उस पुराने समय की अनुभूति को येन खंडहर फिर से थमा दिया हो|

Answered by mastermimd2
9

Explanation:

इस कथन के पीछे लेखक का आशय यही है कि खंडहर होने के बाद भी पायदान बीते इतिहास का पूरा परिचय देते हैं। इतनी ऊँची छत पर स्वयं चढ़कर इतिहास का अनुभव करना एक बढ़िया रोमांच है। सिंधु घाटी की सभ्यता केवल इतिहास नहीं है बल्कि इतिहास के पार की वस्तु है। इतिहास के पार की वस्तु को इन अधूरे पायदानों पर खड़े होकर ही देखा जा सकता है। ये अधूरे पायदान यही दर्शाते हैं. कि विश्व की दो सबसे प्राचीन सभ्यताओं का इतिहास कैसा रहा।

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