तटस्थता व गुट-निरपेक्षता में अंतर स्पष्ट कीजिए। गुट-निरपेक्ष आंदोलन
में भारत की भूमिका बताइए।
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तटस्थता का मतलब है किसी का साथ नहीं देना सिर्फ अपने विचारों पर कायम रहना ।
गुटनिरपेक्षता का मतलब है अपने गुट या संगठन के साथ रहना संगठन की हर बात मानना ।
गुटनिरपेक्ष आंदोलन में भारत की भूमिका _ किसी भी महाशक्ति के नियंत्रण या प्रभाव में ना रह कर, अंतर्राष्ट्रीय प्रश्नों का निर्णय गुण-दोषों के आधार पर करना गुटनिरपेक्षता है।गुटनिरपेक्ष रहते हुए भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर सक्रिय भूमिका निभाई है। गुटनिरपेक्ष देशों का प्रथम शिखर सम्मेलन 1961 में बेलग्रेड में हुआ जिसमें 25 देश शामिल हुए थे। अब तक इसमें 116 देश शामिल हो चुके हैं। गुटनिरपेक्ष आंदोलन में नेहरू जी का स्थान सबसे ऊपर रहा था। उन्होंने निशस्त्रीकरण का समर्थन और साम्राज्यवाद का विरोध किया। गुटनिरपेक्ष देशों का सम्मेलन समय-समय पर किसी सदस्य देश में होता रहता है। 1980 में भारत 'अफ्रीका कोष' का अध्यक्ष बना। जकार्ता सम्मेलन 1992 में भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के पुनर्गठन का मामला उठाया। 11 वा सम्मेलन कार्टीजेना में 1995 में संपन्न हुआ। का काटिजेना घोषणा में आतंकवाद को नि:संदेह बताया गया और कहां गया कि हर प्रकार के आतंकवाद का विरोध होना चाहिए।