दो भारी गोले जिनमें प्रत्येक का द्रव्यमान 100 kg क्रिया 0.10 m है किसी क्षैतिज मेज पर एक दूसरे से 1.0 m दूरी पर स्थित हैं। दोनों गोलों के केन्द्रों को मिलाने वाली रेखा के मध्य बिन्दु पर गुरुत्वीय बल तथा विभव क्या है? क्या इस बिन्दु पर रखा कोई पिण्ड संतुलन में होगा? यदि हां, तो यह संतुलन स्थायी होगा अथवा अस्थायी?
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दोनों गोलों के केन्द्रों को मिलाने वाली रेखा के मध्य बिन्दु पर गुरुत्वीय बल शुन्य तथा विभव निन्म है।
Explanation:
प्रत्येक क्षेत्र का द्रव्यमान m= 100 किग्रा
गोले के बीच दूरी r = 1 m
माना X गोले के बीच का मध्य बिंदु है , बिंदु X पर गुरुत्वाकर्षण बल शून्य होगा। क्यूंकि प्रत्येक क्षेत्र द्वारा उत्सर्जित गुरुत्वाकर्षण बल विपरीत दिशाओं में कार्य करेगा।
बिंदु x पर गुरुत्वी विभव -
= -GM/(r/2) - GM/(r/2)
= -4GM/r मान रखने पर
=
बिंदु X पर रखी गई कोई भी वस्तु संतुलन स्थिति में होगी।
संतुलन अस्थिर है, ऐसा इसलिए है क्योंकि वस्तु पर बल लगाने पर इसकी दिशा बदल सकती है।
घर्षण बल से लाभदायक तथ्य एवं हानिकारक तथ्य।
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