दो कन्या - रत्न पैदा करने पर भक्तिन पुत्र - महिमा में अंधी अपनी जिठानीयों द्वारा घृणा व उपेक्षा का शिकार बनी। ऐसी घटनाओं से ही अकसर यह धारणा चलती है कि स्त्री ही स्त्री की दुश्मन होती है। क्या इससे आप सहमत हैं।
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मार्क अस ब्रैंलिएस्ट आंसर
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दो कन्या - रत्न पैदा करने पर भक्तिन पुत्र - महिमा में अंधी अपनी जिठानीयों द्वारा घृणा व उपेक्षा का शिकार बनी।
ऐसी घटनाओं से ही अकसर यह धारणा चलती है कि स्त्री ही स्त्री की दुश्मन होती है।
इस प्रकार की घटनाओं से यह धारणा बनती है , मैं इस बात से मैं काफी हद तक सहमत हूँ | स्त्रियों में जलन की आदत बहुत ज्यादा होती है| पुरुषों से ज्यादा स्त्रियों में जलन का स्वभाव ज्यादा होता है| स्त्रियों एक दूसरे के खिलाफ करती है, और नीचा दिखाती है| घर में लड़ाई करवाती है| स्त्री ही स्त्री की दुश्मन होती है , लड़का न होने पर भी वही ताने सुनाती है , दहेज के लिए सुनाती है , शादी न होने पर भी सुनाती है|
सब एक जैसी नहीं होती है , लेकिन थ सब कुछ हमारी सोच और स्वभाव पर निर्भर करता है हम हमारा स्वभाव जलन वाला है या नहीं|
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