Hindi, asked by kumarvijay150397, 1 month ago

दुख का अधिकार पाठ पर सार लिखें​

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Answered by llsonu02ll
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Answer:

लेखक ने उसके दुख की तुलना अपने पड़ोस के एक संभ्रांत महिला के दुख से करने लगता है जिसके दुख से शहर भर के लोगों के मन उस पुत्र-शोक से द्रवित हो उठे थे। लेखक सोचता चला जा रहा था कि शोक करने, ग़म मनाने के लिए भी सहूलियत चाहिए और दु:खी होने का भी एक अधिकार होता है। इनका जन्म फ़िरोज़पुर छावनी में सन 1903 में हुआ।

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