Hindi, asked by Amishag32681, 1 year ago

दुलारी का टुन्नू को यह कहना कहाँ तक उचित था - "तैं सरबउला बोल ज़िन्दगी में कब देखने लोट?...!"दुलारी से इस आपेक्ष में आज के युवा वर्ग के लिए क्या संदेश छिपा है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।

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Answered by bhatiamona
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Answer:

दुलारी का टुन्नू को यह कहना कहाँ तक उचित था - "तैं सरबउला बोल ज़िन्दगी में कब देखने लोट?

इस वाक्य में दुलारी का कहना है कि टुन्नू एक साधारण परिवार से आता है इसलिए उसके द्वारा नोटों की बात करना बेमानी है। इस तरह की बातें गायन के द्वारा नोकझोंक का एक अहम हिस्सा होती हैं।  

लेकिन इस तरह के वाक्य  में भी संदेश छिपा होता है। आजकल के युवा अपने माता पिता कि आर्थिक स्थिति को समझने की कोशिश नहीं करते हैं और कई बार उनसे ऐसी चीजें दिलाने कि जिद करते हैं जिसमें उनके माता पिता असमर्थ होते है । युवाओं को अपनी जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए। उन्हें कोशिश करनी चाहिए कि वे अपने माँ बाप पर भार न बनें बल्कि उनका सहारा बनें। इसलिए हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए।

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