दो मित्रों के बीच छुट्टियों बिताने की योजना बनाते हुए संवाद लिखें।
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गर्मियों की छुट्टियों से पहले दो मित्र आपस में बातचीत कर रहे हैं। आइये उनका संवाद सुनें।
महेश : बहुत गर्मी लग रही है।
सतीश : मैं तो गर्मियों की छुट्टियों का इंतज़ार कर रहा हूँ।
महेश : इस बार कहाँ जाने का इरादा है ?
सतीश : मेरे पिता जी ने कश्मीर जाने के लिए रेल की बुकिंग करवाई है।
महेश : तब तो तुम्हें गर्मियों में बहुत आनंद आयेगा।
सतीश : हाँ, मैंने सुना है की वह बहुत सुंदर है। मेरे पिता जी बता रहे थे की वहाँ नाव पर घूमने जा सकते हैं। घुड़सवारी, स्केटिंग आदि का भी मज़ा ले सकते हैं।
महेश : सचमुच तुम्हें तो बहुत मज़ा आयेगा।
सतीश : तुमने छुट्टियों के लिए क्या सोचा है ?
महेश : मैंने इसके बारे में अभी तक कुछ नहीं सोचा है।
सतीश : अगर ऐसा है तो तुम हमारे साथ कश्मीर चलो। हमें दुगुना आनंद मिलेगा। मैं तुम्हारे पिता से चलकर आज्ञा ले लेता हूँ। यदि वे हाँ कर देंगे तो मैं अपने पिता से तुम्हारे लिए भी एक टिकेट मंगवाने के लिए कह दूँगा।
महेश : धन्यवाद, तुम मेरे सबसे अच्छे मित्र हो।
सचिन: "इस साल
गर्मियों की छुट्टियों में बड़ा आनंद आयेगा। हम दोनों साथ में अपने मित्र के घर जबलपुर
जायेंगे।"
सुरेश: "हाँ, पहले दिन
हम सब अपने मित्र और उसके भाई बहनों के साथ घर पर अनेक खेल खेलेंगे।"
सचिन: "दूसरे दिन शाम
को हमलोग बाज़ार घूमने जायेंगे।"
सुरेश: "हाँ, तीसरे
दिन ह्मोलोगों वहाँ की प्रसिद्ध चाट, गोल गप्पे, कुल्फी, छोला बटूरा आदि बड़े मज़े
से खायेंगे।"
सचिन: "चौथे दिन हमलोग
चिड़ियाघर देखने जायेंगे।"
सुरेश: "पाँचवे दिन
हमलोग मेला देखने जायेंगे और हाथी पर बैठकर सैर करेंगे।"
सचिन: "छठे दिन हमलोग उसके
पड़ोसियों व अन्य जान पहचान वालों के घर मिलने जायेंगे।"
सुरेश: "सातवें दिन
हमलोग उसके घर के सदस्यों व अन्य मित्रों के साथ फोटो खींचेंगे और सबके साथ आनंद
से समय व्यतीत करेंगे।"
सचिन: "इस प्रकार हमलोग
रोज़ कुछ नयी चीज़ करेंगे और छुट्टियाँ बहुत मज़े से बीत जायेंगी।"