Hindi, asked by chauhanrafi29, 4 months ago

'दो ममत्र और रीछ' कहानी मलखो।.​

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Answered by pankajnafria75
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Answer:

दो दोस्त एक घने जंगल से होकर कहीं जा रहे थे. दोनों काफ़ी गहरे दोस्त थे और अपनी दोस्ती को लेकर दोनों ही बातें करते हुए जा रहे थे. जंगल बहुत ही घना था, तो उनमें से एक दोस्त (friend) डर रहा था, लेकिन उसके साथी मित्र ने कहा कि मेरे होते हुए तुम्हें डरने की कोई ज़रूरत नहीं. मैं तुम्हारा सच्चा और अच्छा मित्र हूं. इतने में ही सामने से ही बहुत ही बड़ा भालू (bear) उन्हें नज़र आया. जो दोस्त कह रहा था कि मैं अच्छा मित्र हूं, वो भालू को देखते ही भाग खड़ा हुआ. दूसरा मित्र कहता रहा कि मुझे छोड़कर मत भागो, लेकिन वो भागते हुए एक पेड़ पर चढ़ गया.

यह देख उसका मित्र और भी डर गया, क्योंकि वो पेड़ पर चढ़ना नहीं जानता था. इतने में वो भालू और भी नज़दीक आ गया था. जब वो बेहद क़रीब आने लगा, तो दूसरे मित्र के पास कोई चारा नहीं रहा और वो वहीं नीचे ज़मीन पर आंखें बंद करके लेट गया. पेड़ पर चढ़ा मित्र यह सारा नज़ारा देख रहा था और वो सोचने लगा कि ऐसे तो यह मर जाएगा. इतने में ही वो भालू नीचे लेटे मित्र के क़रीब आकर उसे देखने लगा, उसे सूंघा और उसके शरीर का पूरी तरह मुआयना करके आगे बढ़ गया.

ज़मीन पर लेटे मित्र ने राहत की सांस ली और वो सोचने लगा कि अच्छा हुआ जो मैंने सांस रोक ली थी, क्योंकि भालू मुर्दों को नहीं खाते और वो भालू मुझे मरा हुआ जानकर आगे बढ़ गया.

पेड़ पर चढ़ा मित्र बहुत हैरान था. भालू के जाने के बाद वो नीचे उतरा और उसने अपने मित्र से पूछा कि आख़िर उसने क्या किया था और वो भालू उसके कान में क्या कह रहा था. मुर्दा होने का नाटक कर रहे मित्र ने कहा कि भालू ने मेरे कान में कहा कि बुरे व़क्त में ही सही दोस्तों की पहचान होती है, इसलिए कभी भी ऐसे दोस्तों के साथ मत रहो, जो बुरा समय देखकर तुम्हें अकेले छोड़कर भाग जाएं और जो व़क्त पर काम ही न आएं. दूसरे मित्र को समझते देर न लगी और फिर दोनों आगे बढ़ गए.

सीख: सच्चा दोस्त वही होता है, जो बुरे से बुरे व़क्त में भी अपने मित्र का साथ नहीं छोड़ता और मुसीबत के समय अपने मित्र की मदद करता है.

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