Hindi, asked by angela3303, 1 year ago

दीन दुखियों का दुख दूर करना चाहिए' विषय पर nibandh likho

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Answered by shishir303
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                                            (निबंध)

                    दीन-दुखियों का दुख दूर करना चाहिये

दीन दुखियों की सच्ची सेवा ही भगवान की सच्ची सेवा है। एक पुरानी कहावत है कि नर में नारायण बसते हैं अर्थात प्रत्येक मनुष्य के शरीर में भगवान का वास है। इसलिए हमें अगर भगवान की सेवा करनी है उनकी आराधना करनी उनको प्रसन्न करना है तो हमें गरीबों, असहायों और निर्बलों अर्थात दीन दुखियों की सेवा करनी चाहिए।

भगवान कहते हैं कि ‘भले तुम दिन-रात मेरी मूर्ति को पूजो, दिन-रात मेरा नाम जपो लेकिन तुम्हारे मन में यदि दीन-दुखियों के प्रति संवेदना और दया नही है, तुम उन पर अत्याचार करते हो, तो मेरी कितनी ही भक्ति कर लो मैं प्रसन्न नही होने वाला।’  भगवान कहते हैं कि ‘तुम भले ही दिन में मेरा मात्र एक बार नाम लो, लेकिन तुम्हारे हृदय में दीन-दुखियों के प्रति दया है, उनके प्रति प्रेम है और तुम उनकी निःस्वार्थ भाव से सेवा करते हो तो मैं मात्र उसी से प्रसन्न हो जाता हूं।’

इसलिये हम सदैव दीन-दुखियों के निःस्वार्थ भाव से सेवा के लिय तत्पर रहना चाहिये। बड़े-बड़े व्यक्तित्व हुये हैं जिन्होंने जिन्होंने दीन दुखियों की सेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया चाहे वह महात्मा गांधी हो, मदर टेरेसा हो, अब्राहम लिंकन हों, विनोबा भावे, महात्मा ज्योतिबा फुले हों, फ्लोरेंस नाइटिंगेल हों। यह सूची बहुत लंबी है। इन सभी महान हस्तियों का नाम हम आज भी बड़े सम्मान से नाम लेते हैं क्योंकि उन्होंने दीन-दुखियों की सेवा कर स्वयं को अमर बना लिया।

Answered by krushnakhatokar1234
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Explanation:

दीन दुखियो का दुख दूर करना चाहिए क्योंकी जब हमे दुख होता है तो हमे कैसा लगता है वो जो गरीब होते है वो तो अपना दुख किसी को बता नाही पाते क्योकी उनका कोई सूनंता ही नहीं तो हुमे उन्का दुख दूर करणं चाहिए

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