दुनिया के वजूद तथा प्रकृति के विषय में पाठ में क्या बताया गया है ?
Chapter : अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले
Answers
दुनिया के वजूद और प्रकृति के विषय में ‘अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होने वाले’ पाठ में बताया गया है कि प्रकृति में निरंतर असंतुलन बढ़ता जा रहा है। रोज पेड़ काटे जा रहे हैं, समुद्रों को बाँधा जा रहा है। चारों तरफ प्रदूषण फैलाया जा रहा है और हथियारों की होड़ में बारूद की विनाश लीला का आरंभ हो गया है। इन सब कारणों से प्राकृतिक आपदाएं बढ़ने लगी हैं। जिससे भूकंप, अत्याधिक गर्मी और असमय बारिश, अत्याधिक ठंड, आंधी, तूफान, बाढ़ आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप बढ़ने लगा है। यह सब मानव द्वारा किए गए कृत्यों के कारण पैदा हुए प्राकृतिक असंतुलन का ही परिणाम है।
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