द्रौपदी का अपमान समाज के लिए क्यों चिंताजनक बात थी
Answers
Answer:
क्यूकी व कृष्ण की बहन थी
Answer:
महाभारत में द्रौपदी की भूमिका बहुत ही अहम थी। द्रौपदी पांचाल देश के राजा द्रुपद की कन्या थी इसलिए उन्हें 'पांचाली' भी कहा जाता था। राजा द्रुपद ने द्रौपदी को कुरु वंश के नाश के लिए यज्ञ से उत्पन्न करवाया था इसलिए उसे याज्ञनिक भी कहा जाता है। आओ जानते हैं द्रौपदी के जीवन से जुड़े ऐसे 5 रहस्य जिन्हें आपकी महाभारत में नहीं देखा होगा।
महाभारत में द्रौपदी की भूमिका बहुत ही अहम थी। द्रौपदी पांचाल देश के राजा द्रुपद की कन्या थी इसलिए उन्हें 'पांचाली' भी कहा जाता था। राजा द्रुपद ने द्रौपदी को कुरु वंश के नाश के लिए यज्ञ से उत्पन्न करवाया था इसलिए उसे याज्ञनिक भी कहा जाता है। आओ जानते हैं द्रौपदी के जीवन से जुड़े ऐसे 5 रहस्य जिन्हें आपकी महाभारत में नहीं देखा होगा।
महाभारत में द्रौपदी की भूमिका बहुत ही अहम थी। द्रौपदी पांचाल देश के राजा द्रुपद की कन्या थी इसलिए उन्हें 'पांचाली' भी कहा जाता था। राजा द्रुपद ने द्रौपदी को कुरु वंश के नाश के लिए यज्ञ से उत्पन्न करवाया था इसलिए उसे याज्ञनिक भी कहा जाता है। आओ जानते हैं द्रौपदी के जीवन से जुड़े ऐसे 5 रहस्य जिन्हें आपकी महाभारत में नहीं देखा होगा।
महाभारत में द्रौपदी की भूमिका बहुत ही अहम थी। द्रौपदी पांचाल देश के राजा द्रुपद की कन्या थी इसलिए उन्हें 'पांचाली' भी कहा जाता था। राजा द्रुपद ने द्रौपदी को कुरु वंश के नाश के लिए यज्ञ से उत्पन्न करवाया था इसलिए उसे याज्ञनिक भी कहा जाता है। आओ जानते हैं द्रौपदी के जीवन से जुड़े ऐसे 5 रहस्य जिन्हें आपकी महाभारत में नहीं देखा होगा। 1. द्रौपदी के पुण्य कार्य : लोककथाओं के अनुसार मान्यता है कि द्रौपदी का चीरण हरण हो रहा था तब 2 पुण्य कर्म उसके काम आए। पहला यह कि एक बार द्रौपदी गंगा में स्नान कर रही थी उसी समय एक साधु वहां स्नान करने आया। स्नान करते समय साधु की लंगोट पानी में बह गई और वह इस अवस्था में बाहर कैसे निकले? इस कारण वह एक झाड़ी के पीछे छिप गया। द्रोपदी ने साधु को इस अवस्था में देख अपनी साड़ी से लंगोट के बराबर कोना फाड़कर उसे दे दिया। साधु ने प्रसन्न होकर द्रौपदी को आशीर्वाद दिया।
महाभारत में द्रौपदी की भूमिका बहुत ही अहम थी। द्रौपदी पांचाल देश के राजा द्रुपद की कन्या थी इसलिए उन्हें 'पांचाली' भी कहा जाता था। राजा द्रुपद ने द्रौपदी को कुरु वंश के नाश के लिए यज्ञ से उत्पन्न करवाया था इसलिए उसे याज्ञनिक भी कहा जाता है। आओ जानते हैं द्रौपदी के जीवन से जुड़े ऐसे 5 रहस्य जिन्हें आपकी महाभारत में नहीं देखा होगा। 1. द्रौपदी के पुण्य कार्य : लोककथाओं के अनुसार मान्यता है कि द्रौपदी का चीरण हरण हो रहा था तब 2 पुण्य कर्म उसके काम आए। पहला यह कि एक बार द्रौपदी गंगा में स्नान कर रही थी उसी समय एक साधु वहां स्नान करने आया। स्नान करते समय साधु की लंगोट पानी में बह गई और वह इस अवस्था में बाहर कैसे निकले? इस कारण वह एक झाड़ी के पीछे छिप गया। द्रोपदी ने साधु को इस अवस्था में देख अपनी साड़ी से लंगोट के बराबर कोना फाड़कर उसे दे दिया। साधु ने प्रसन्न होकर द्रौपदी को आशीर्वाद दिया।
महाभारत में द्रौपदी की भूमिका बहुत ही अहम थी। द्रौपदी पांचाल देश के राजा द्रुपद की कन्या थी इसलिए उन्हें 'पांचाली' भी कहा जाता था। राजा द्रुपद ने द्रौपदी को कुरु वंश के नाश के लिए यज्ञ से उत्पन्न करवाया था इसलिए उसे याज्ञनिक भी कहा जाता है। आओ जानते हैं द्रौपदी के जीवन से जुड़े ऐसे 5 रहस्य जिन्हें आपकी महाभारत में नहीं देखा होगा। 1. द्रौपदी के पुण्य कार्य : लोककथाओं के अनुसार मान्यता है कि द्रौपदी का चीरण हरण हो रहा था तब 2 पुण्य कर्म उसके काम आए। पहला यह कि एक बार द्रौपदी गंगा में स्नान कर रही थी उसी समय एक साधु वहां स्नान करने आया। स्नान करते समय साधु की लंगोट पानी में बह गई और वह इस अवस्था में बाहर कैसे निकले? इस कारण वह एक झाड़ी के पीछे छिप गया। द्रोपदी ने साधु को इस अवस्था में देख अपनी साड़ी से लंगोट के बराबर कोना फाड़कर उसे दे दिया। साधु ने प्रसन्न होकर द्रौपदी को आशीर्वाद दिया। दूसरा यह कि एक अन्य कथा के अनुसार जब श्रीकृष्ण द्वारा सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया गया, उस समय श्रीकृष्ण की अंगुली भी कट गई थी। अंगुली कटने पर श्रीकृष्ण का रक्त बहने लगा। तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी फाड़कर श्रीकृष्ण की अंगुली पर बांधी थी। इस कर्म के बदले श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को आशीर्वाद देकर कहा था कि एक दिन अवश्य तुम्हारी साड़ी की कीमत अदा करुंगा। इन कर्मों की वजह से श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की साड़ी को इस पुण्य के बदले ब्याज सहित इतना बढ़ाकर लौटा दिया और द्रौपदी की लाज बच गई।