देश बढने के लिए हमने कया करना चहिए
Answers

मार्केट प्लेस
देश को आगे बढ़ाने के लिए चाहिए नई सोच व जज्बा

मुरादाबाद: गाड़ी का पहिया रास्ते पर चलकर एक लीक बना लेता है और उस लीक पर बिना झिझक पीछे आने वाली गाड़ियां चलती रहती हैं, किंतु गाड़ियों के निरंतर चलते-चलते वह लीक जब बहुत ज्यादा गहरी हो जाती है, तो उनमें पहिए धंसने लगते हैं और गति रुक जाती हैं। विशेष देश, विशेष काल और विशेष परिस्थितियों में चलते हुए हम अपनी जीवन की गाड़ी चलाने के लिए एक लीक बना लेते हैं और उसे पकड़कर एक समय तक आंखें मूंदकर भी किसी भी मंजिल तक जा सकते हैं। लेकिन अगर नया-नया चिंतन न करके, बदले हुए काल और परिस्थितियों पर विचार न करके उसी पुरानी लीक पर चलते रहेंगे तो प्रगति करने की बजाए किसी दिन हमारी गति भी रुक सकती है। सड़ी गली मान्यताओं, रीतियों में जकड़ा समाज आगे बढ़ नहीं पाता, न ही वह समाज अपने अस्तित्व को बचा पाता है और न ही अपनी रमणीयता को। रमणीयता लाने के लिए नूतनता का होना आवश्यक है। समाज में नूतनता लाना उसको सही दिशा और दशा प्रदान करना सामाजिक प्राणियों का दायित्व है। यदि समाज में विकास नहीं होगा तो राष्ट्र प्रगति के पथ पर अग्रसर नही हो सकता। समाज को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है नई सोच, हौसला और कुछ कर गुजरने का जज्बा। यदि हम पक्षियों को ही देखें, यदि उनमें आकाश में विचरण करने की चाहत न होती, हौसला न होता तो पंख होते हुए भी वह अपने घोंसले से बाहर न देखते। इसलिए कहा गया है-
''मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान होती है।'' इस तरह कुछ मानवों के हौसले, उनकी नई सोच तथा अलग करने के लिए जज्बे के कारण ही हम आज आरामदायक जीवन जी रहे हैं। अन्यथा आज भी हम आदिमानव होते। इतिहास के पृष्ठ पलटने से हमें ज्ञात होगा कि हम कहां थे और कहां आ गए परंतु अभी भी हमें बहुत आगे जाना बाकी है। ¨हदी के प्रसिद्ध कवि मैथिलीशरण गुप्त जी ने ठीक ही लिखा है-
2 .black money jaise danda nhi korna 2.religion ko lekor quarel mat korna 3