दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो-चान और यासुकी-चान को अपूर्व अनुभव मिला, इन दोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अलग थे। दोनों में क्या अंतर रहे? लिखिए।
Answers
दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो - चान और यासुकी - चान को अपूर्व अनुभव मिला , इन दोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अलग थे । दोनों में क्या अंतर रहे ? लिखिए ।
तोत्तो - चान का अनुभव तोत्तो - चान स्वयं तो रोज ही अपने निजी पेड़ पर चढ़ती थी और खुश होती थी परंतु आज पोलियो से ग्रस्त अपने मित्र यासुकी - चान को पेड़ की दिशाखा तक पहुंचाने से उसे प्रसन्नता के साथ-साथ अपूर्व आत्म संतुष्टि भी प्राप्त हुई ।
यासुकी - चान का अनुभव यासुकी - चान को पेड़ पर चढ़कर अत्यधिक प्रसन्नता हुई , उसके मन की ऐसी इच्छा पूरी हुई जो उसके लिए असंभव था । उसने पेड़ पर चढ़कर पहली बार दुनिया को निहारा ।
Answer:
answer is below
Explanation:
तोत्तो - चान का अनुभव तोत्तो - चान स्वयं तो रोज ही अपने निजी पेड़ पर चढ़ती थी और खुश होती थी परंतु आज पोलियो से ग्रस्त अपने मित्र यासुकी - चान को पेड़ की दिशाखा तक पहुंचाने से उसे प्रसन्नता के साथ-साथ अपूर्व आत्म संतुष्टि भी प्राप्त हुई ।
यासुकी - चान का अनुभव यासुकी - चान को पेड़ पर चढ़कर अत्यधिक प्रसन्नता हुई , उसके मन की ऐसी इच्छा पूरी हुई जो उसके लिए असंभव था । उसने पेड़ पर चढ़कर पहली बार दुनिया को निहारा