Hindi, asked by s15587bkrishna16512, 7 months ago

दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो-चान और यासुकी-चान को अपूर्व अनुभव मिला, इन दोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अलग थे। दोनों में क्या अंतर रहे? लिखिए।​

Answers

Answered by ItzRadhe04
83

{ \huge \bf\over  \huge\red \mid✹ \blue{question}  \huge✹\red\mid}

दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो - चान और यासुकी - चान को अपूर्व अनुभव मिला , इन दोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अलग थे । दोनों में क्या अंतर रहे ? लिखिए ।

{ \huge \bf\over  \huge\pink \mid✹ \purple{answer}  \huge✹\pink\mid}

तोत्तो - चान का अनुभव तोत्तो - चान स्वयं तो रोज ही अपने निजी पेड़ पर चढ़ती थी और खुश होती थी परंतु आज पोलियो से ग्रस्त अपने मित्र यासुकी - चान को पेड़ की दिशाखा तक पहुंचाने से उसे प्रसन्नता के साथ-साथ अपूर्व आत्म संतुष्टि भी प्राप्त हुई ।

यासुकी - चान का अनुभव यासुकी - चान को पेड़ पर चढ़कर अत्यधिक प्रसन्नता हुई , उसके मन की ऐसी इच्छा पूरी हुई जो उसके लिए असंभव था । उसने पेड़ पर चढ़कर पहली बार दुनिया को निहारा ।

Answered by antarabagchi336
13

Answer:

answer is below

Explanation:

तोत्तो - चान का अनुभव तोत्तो - चान स्वयं तो रोज ही अपने निजी पेड़ पर चढ़ती थी और खुश होती थी परंतु आज पोलियो से ग्रस्त अपने मित्र यासुकी - चान को पेड़ की दिशाखा तक पहुंचाने से उसे प्रसन्नता के साथ-साथ अपूर्व आत्म संतुष्टि भी प्राप्त हुई ।

यासुकी - चान का अनुभव यासुकी - चान को पेड़ पर चढ़कर अत्यधिक प्रसन्नता हुई , उसके मन की ऐसी इच्छा पूरी हुई जो उसके लिए असंभव था । उसने पेड़ पर चढ़कर पहली बार दुनिया को निहारा

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