देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता ?
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सरस्वती की उदारता का गुणगान इसलिए नहीं किया जा सकता क्योंकि उनकी जो महत्ता है, उनकी जो महिमा है उसका बखान शब्दों में नहीं किया जा सकता। उनकी उदारता का गुणगान शब्दों की सीमा से परे है। वह विद्या की देवी हैं, कला तथा ज्ञान की देवी हैं। वे संसार में गक मनुष्य के कंठ में विराजते हैं। संसार में जितना भी ज्ञान है सब उनकी कृपा से ही उत्पन्न हुआ है। अनेक विद्वानों ने प्रयास किया है कि उनकी महिमा का बखान किया जा सके लेकिन कोई भी विद्वान उनकी पूर्ण महिमा का गुणगान करने में सफल नहीं हो पाया है। उनकी महिमा का जितना बखान किया जाता है, वह कम पड़ जाता है। देवी सरस्वती की महानता और उदारता जितनी विशाल है, कि उनका गुणगान करने लिये शब्द कम पड़ सकते हैं, इसलिए देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान नहीं किया जा सकता।
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