Chemistry, asked by insanchoudhury3745, 10 months ago

द्वितीय आवर्तक के तत्वों के लिये प्रथम आयनन एन्थैल्पी का सही बढ़ता क्रम होगा :
(1) Li < Be < B < C < N < O < F < Ne
(2) Li < B < Be < C < O < N < F < Ne
(3) Li < B < Be < C < N < O < F < Ne
4) Li < Be < B < C < O < N < F < Ne

Answers

Answered by thor0078
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Explanation:

परमाणु का आकार : वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु का आकार बढ़ता जाता है , बाह्य इलेक्ट्रॉन की नाभिक से दूरी बढती जाती है और इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालने के लिए कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है अत: आयनन एन्थैल्पी कम होती जाती है।

अर्थात आयनन एन्थैल्पी का मान परमाणु के आकार के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

2. प्रभावी नाभिकीय आवेश : आवर्त सारणी में बाएं से दायें जाने पर प्रभावी नाभिकीय आवेश बढ़ता जाता है , बाह्य इलेक्ट्रॉन से नाभिक की दूरी कम होती जाती है अत: इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है अत: आयनन एन्थैल्पी बढती जाती है।

अर्थात आयनन विभव का मान प्रभावी नाभिकीय आवेश के समानुपाती होता है।

3. परिरक्षण प्रभाव : परिरक्षण प्रभाव बढ़ने पर परमाणु का आकार बढ़ता जाता है , बाह्य इलेक्ट्रॉन से नाभिक की दूरी बढती जाती है , इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालने के लिए कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है अत: आयनन एन्थैल्पी कम होती जाती है।

अर्थात आयनन एंथैल्पी का मान परिरक्षण प्रभाव के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

4. अर्धपूरित व पूर्णभरे तत्वों का स्थायित्व : अर्धपूरित और पूर्ण भरे कक्षक अन्य कक्षकों की तुलना में अधिक स्थायी होते है। इनमें से इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है अत: आयनन एन्थैल्पी भी अधिक होती है।

प्रश्न 1 : नाइट्रोजन की आयनन एन्थैल्पी ऑक्सीजन से अधिक होती है , क्यों ?

उत्तर : नाइट्रोजन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [He] 2s2 sp3 होता है , p कक्षक अर्धपूरित अवस्था में होने के कारण यह अधिक स्थायी होता है , इसमें से इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है अत: नाइट्रोजन की आयनन एन्थैल्पी अधिक होती है।

ऑक्सीजन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [He] 2s2 sp4 होता है , यह एक इलेक्ट्रॉन त्यागकर अधिक स्थायी होना चाहता है। इस इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालने के लिए बहुत कम ऊर्जा की आवश्कता होती है अत: आयनन एन्थैल्पी भी कम होती है।

प्रश्न 2 : फास्फोरस की आयनन एंथैल्पी सल्फर से अधिक होती है , क्यों ?

उत्तर : फास्फोरस का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 10[Ne] 3s2 3p3 होता है , p कक्षक अर्धपूरित अवस्था में होने के कारण यह अधिक स्थायी होता है , इसमें से इलेक्ट्रॉन बाहर निकालने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है अत: फास्फोरस की आयनन एन्थैल्पी भी अधिक होती है।

सल्फर का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 10[Ne] 3s2 3p4 होता है , यह एक इलेक्ट्रॉन त्यागकर अर्धपूरित विन्यास ग्रहण करके अधिक स्थायी होना चाहता है अत: यह आसानी से इलेक्ट्रॉन त्याग देता है अत: आयनन एन्थैल्पी का मान भी कम होता है।

प्रश्न 3 : प्रत्येक आवर्त में अक्रिय गैसों की आयनन एन्थैल्पी सबसे अधिक होती है क्योंकि ?

उत्तर : अक्रिय गैसों का अधिक स्थायी विन्यास होने के कारण इनमें से इलेक्ट्रॉन बाहर निकालने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है अत: प्रत्येक आवर्त में अक्रिय गैसों की आयनन एन्थैल्पी अधिक होती है।

5. परमाणु या आयन पर कुल आवेश : उदासीन परमाणु की तुलना में धनावेशित आयन से इलेक्ट्रॉन बाहर निकलना कठिन होता है क्योंकि धनायन का आकार छोटा होता है और प्रभावी नाभिकीय आवेश अधिक होता है अत: आयनन एन्थैल्पी का बढ़ता क्रम निम्न होता है –

m < m+ < m2+ < m3+

Answered by studyhelper568
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Answer:

hii .

sorry cannot understand .

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