दयानंद का घातक कौन था? उन्होने उसके साथ प्यार कैसे प्रकट किया?
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जब महर्षि दयानन्द गंगा के तट के किनारे रहते थे तब उनके दर्शन के लिए अनेक यात्री वहां पहुंचते थे। उसी बीच एक यात्री ने उन्हें कड़वे वचन कहा और उनके रात के भोजन में जहर मिला कर दे दिया जिसके कारण दयानंद की मृत्यु हो गई इसीलिए वही यात्री दयानंद का घातक था।
जब यात्री ने दयानंद को कड़वे वचन कहा तो दयानंद ने उन्हें मीठे मीठे फल दिए और उनके साथ अच्छा व्यवहार प्रस्तुत करके उनके साथ प्यार प्रकट किया। इसके अतिरिक्त दयानंद ने उस यात्री को यह भी कह दिया कि तुम यहां से चले जाओ क्योंकि अगर मैं मर गया तो लोग तुम्हें पकड़ लेंगे और तुम्हें मौत की सजा भी दे सकते हैं मैं तो मर जाऊंगा लेकिन तुम्हारी जिंदगी फिर खतरे में आ जाएगी तो इस प्रकार दयानंद सरस्वती ने अपने दयावान चरित्र का उदाहरण देकर लोगों को यह साबित कर दिया कि हमें कभी भी बुरा नहीं होना चाहिए।