the great stone face summary both part in 100 or 150 words
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The Great Stone Face I Summary In English
Introduction
One afternoon, a mother with her little son, Ernest, was sitting at the door of their cottage. They were talking about the Great Stone Face. It was clearly visible in the bright sunshine.
The Great Stone Face
Thousands of people lived there. Everybody there, was familiar with the Great Stone Face. It was a work of nature. Some huge rocks jointly looked like the features of a human face from a distance. It also looked alive.
Ernest’s Love for Stone Face
The giant face smiled on Ernest and looked kindly. He wished to hear its pleasant voice. He longed to see a man with such a face in order to love him dearly. The mother reminded Ernest of the prophecy. It was that a child would be born there. He would become the greatest and noblest person of his time. In manhood, his face would bear true likeness to the Great Stone Face. The people had waited for such a person in vain. The little boy hoped to live and see him. The mother strengthened his fancy.
Ernest was a helpful and happy child. He grew up to be a mild and quiet youth.
Gathergold
A young man named Gathergold had left the valley many years before. He had become quite a rich man there. He decided to return to his native valley. There was a rumour that Gathergold looked like the Great Stone Face. Gathergold had the face of an old man with yellow skin. The people considered him the image of the Great Stone Face. Ernest gazed up the valley. The Stone Face seemed to reject Gathergold as its likeness.
The Long Wait
Ernest had grown to be a young man. Everyday, he would go off by himself and gaze upon the Great Stone Face. He wondered why its likeness was delaying its appearance. By this time Gathergold had become poor and died without establishing his likeness with the Stone Face.
Blood-and-Thunder
Another son of the valley had joined the army as a soldier many years before. He had become a general by then and came to be known as Blood-and-Thunder on the battlefield. In his old age, he desired to return to his valley. The people considered him as the likeness of the Great Stone Face. On his return, he was welcomed warmly. The gathering mistook him as the greatest man of all time. Ernest failed to recognise any likeness between Blood-and-Thunder and the Great Stone Face. His heart assured him that the real copy had still not come.
The Great Stone Face I Summary In Hindi
भूमिका
एक दोपहर को एक महिला अपने छोटे बेटे अर्नेस्ट के साथ, अपनी कुटिया के दरवाजे पर बैठी थी। वे पत्थर के बड़े चेहरे के बारे में बातें कर रहे थे। चमकीली धूप में वह साफ दिखाई देता था।
पत्थर का महान चेहरा
हजारों लोग वहाँ रहते थे। वहाँ प्रत्येक व्यक्ति, पत्थर के महान चेहरे से परिचित था। वह प्रकृति का काम था। एक साथ सटी हुई कुछ विशाल चट्टानें कुछ दूरी से एक मानवीय चेहरे की आकृति जैसी दिखाई पड़ती थीं। वह सजीव भी दिखाई पड़ती थी।
पत्थर के चेहरे से अर्नेस्ट का प्यारे
विशाल चेहरा, अर्नेस्ट की तरफ मुस्कराता था और दयालुता से देखता था। वह उसकी सुहावनी आवाज को सुनना चाहता था। वह उस प्रकार के चेहरे वाले व्यक्ति को देखना चाहता था ताकि वह उससे स्नेहपूर्ण ढंग से प्यार करे। माता ने अर्नेस्ट को भविष्यवाणी के बारे में याद दिलाया। वह थी, कि वहाँ एक बालक का जन्म होगा। वह अपने समय का महानतम और उदारतम व्यक्ति होगा। बड़ा होने पर, उसका चेहरा, पत्थर के महान चेहरे के सर्वथा सदृश होगा। लोगों ने व्यर्थ में वैसे व्यक्ति की प्रतीक्षा की थी। छोटे बालक को जीवित रहने और उसे देखने की आशा थी। माता ने उसकी कल्पना की पुष्टि की।
अर्नेस्ट सहायता करने वाला और प्रसन्न बच्चा था। वह बड़ा होकर मृदु तथा शांत युवक बन गया।
गैदरगोल्ड
बहुत वर्ष पहले, गैदरगोल्ड नामक एक युवक, घाटी को छोड़कर चला गया था। वहाँ वह अत्यधिक धनी बन चुका था। उसने अपने जन्म की घाटी में लौटने को निर्णय किया। ऐसी अफवाह थी कि गैदरगोल्ड, पत्थर के महान चेहरे के सदृश लगता था। गैदरगोल्ड का चेहरा, किसी वृद्ध पुरुष की भाँति पीली खाल वाला था। लोग उसे पत्थर के महान चेहरे की प्रतिमा मानते थे। अर्नेस्ट ने घाटी की तरफ देखा। पत्थर वाला चेहरा, गैदरगोल्ड को अपने सदृश मानने के लिए अस्वीकार करता दिखाई पड़ता था।
लम्बी प्रतीक्षा
अर्नेस्ट नवयुवक हो चुका था। वह प्रतिदिन अकेला जाकर पत्थर के महान चेहरे को एकटक देखा करता था। उसे आश्चर्य था कि उस चेहरे की सदृशता, उपस्थित होने में क्यों विलम्ब कर रही है। इस समय तक गैदरगोल्ड निर्धन हो चुका था और पत्थर के चेहरे के साथ अपनी सदृशता स्थापित किए बिना उसकी मृत्यु हो गई थी।
खून-और-तूफान
बहुत वर्ष पूर्व, उस घाटी का एक अन्य बालक सेना में सिपाही भर्ती हो गया था। तब तक वह एक जनरल बन चुका था और युद्धक्षेत्र में खून और तूफान के रूप में प्रसिद्ध हो चुका था। वृद्धावस्था में अपनी घाटी में लौटने की उसकी इच्छा हुई। लोग उसे पत्थर वाले महान चेहरे के सदृश मानने लगे। उसके लौटने पर उसका भव्य स्वागत हुआ। जमघट लगाए हुए व्यक्तियों ने गलती से उसे सभी युगों का महानतम व्यक्ति माना। अर्नेस्ट ब्लड-एण्ड-थण्डर और पत्थर के महान चेहरे के बीच किसी सदृशता को पहचानने में असफल रहा। उसके हृदय ने उसे आश्वासन दिया कि वास्तविक प्रतिलिपि अभी तक नहीं आई है।