ध्वनि की प्रबलता एवं तारत्व को समझाइए।
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ध्वनि की प्रबलता — ध्वनि की प्रबलता से तात्पर्य ध्वनि ध्वनि के स्परूप से है। जब हम धीरे बोलते हैं तो कम प्रबलता की ध्वनि निकलती है लेकिन जोर से बोलते हैं तो अधिक प्रबलता की ध्वनि उत्पन्न होती है। जिस ध्वनि के कंपन के आयाम जितने अधिक होंगे उस ध्वनि की प्रबलता भी उतनी ही अधिक होगी। जैसे-जैसे कंपन के आयाम बढ़ता जाता है, वैसे-वैसे ध्वनि की प्रबलता बढ़ती जाती है। ध्वनि की प्रबलता को डेसीबल के मानक से मापा जाता है।
ध्वनि का तारत्व — ध्वनि के तारत्व से तात्पर्य तीखी एवं पतली आवाज तथा भारी एवं मोटी आवाज से होता है। स्त्रियों की आवाज पतली एवं सुरीली होती है जबकि पुरुषों की आवाज मोटी एवं भारी होती है। इस कारण ध्वनि की इस प्रवृत्ति को तारत्व कहते हैं। ध्वनि का तारत्व उसकी आवृत्ति पर निर्भर करता है। ऊंचे तारत वाली ध्वनि की आवृत्ति ऊंची तथा नीचे तारत्व वाली ध्वनि की आवृत्ति न्यून होती है। उदाहरण के लिये शेर की दहाड़ की प्रबलता मच्छर की भिनभिनाहट से ज्यादा होती है। लेकिन शेर की दहाड़ का तारत्व मच्छर की भिनभिनाहट से कम होता है।