Hindi, asked by hemant2291, 10 months ago

धर्म ने धन को पैरों तले कुचल डाला।

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Answered by Anonymous
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धर्म ने धन को कुचल डाला । यह कथन 'नमक का दरोगा ' कहानी के संदर्भ में है।

• वंशीधर दरोगा एक ईमानदार दरोगा था जिसके मार्ग में बहुत कठिनाइयां आयी परन्तु वह अपनी ईमानदारी पर डटा रहा।

• पंडित अलोपीदीन ने उस खरीदने की कोशिश की परंतु असफल रहा।

• दरोगा की ईमानदारी के आगे पंडित को झुकना ही पड़ा।।

• पंडित को अपनी गलती का अहस हुआ तथा उसे अपनी पूरी जायदाद का मैनेजर बना दिया।

• इस प्रकार धर्म के आगे धन की हार हुई, ऐसा कहा गया है।

Answered by amriah529
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Explanation:

धर्म ने धन को पैरों तले कुचल डाला true or false

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