धर्मवीर भारती की टूटा पहिया नामक कविता का प्रतिपाद्य लिखिए
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Hey mate!
How ru?
Your answer:
मैं
रथ का टूटा हुआ पहिया हूँ
लेकिन मुझे फेंको मत !
क्या जाने कब
इस दुरूह चक्रव्यूह में
अक्षौहिणी सेनाओं को चुनौती देता हुआ
कोई दुस्साहसी अभिमन्यु आकर घिर जाय !
अपने पक्ष को असत्य जानते हुए भी
बड़े-बड़े महारथी
अकेली निहत्थी आवाज़ को
अपने ब्रह्मास्त्रों से कुचल देना चाहें
तब मैं
रथ का टूटा हुआ पहिया
उसके हाथों में
ब्रह्मास्त्रों से लोहा ले सकता हूँ !
मैं रथ का टूटा पहिया हूँ
लेकिन मुझे फेंको मत
इतिहासों की सामूहिक गति
सहसा झूठी पड़ जाने पर
क्या जाने
सच्चाई टूटे हुए पहियों का आश्रय ले !
Hope my answer helped uh!
Answer:
Explanation:
सारांश
टूटा हुआ पहिया कविता के कवि धर्मवीर भारती जी है। भारती जी ने अपनी कविता में सहज-संवेद्य प्रतिकों एवं विम्बों की योजना करके अत्यंत आकर्षक बना दिया है। संकलित कविता टूटा हुआ पहिया भारती जी के "सात गीत वर्ष" नामक काव्य संकलन से ली गई है।यह एक प्रतीकात्मक कविता है।
"टूटा हुआ पहिया" कविता में भारती जी ने आज समस्या बहुल एवं विडंबनापूर्ण समाज में जी रहे लोगों एवं जर्जर मनुष्य को महत्व प्रदान की है। इसके लिए उन्होंने महाभारत के उस मार्मिक प्रसंगों को हमारे सामने प्रस्तुत किया है,जिसमें 16 वर्षीय वीर अभिमन्यु ने अपने रथ के टूटे हुए पहिए को हाथ में उठा कर ही सप्तरथियों के अन्नायपूर्ण आक्रमण का सामना किया था। कवि यानी टूटा हुआ पहिया कहते है कि- "मैं रथ का टूटा हुआ पहिया हूं, पर मुझे फेंकना मत। कौन जाने कि कब कोई दुस्साहसी अभिमन्यु आकर चक्रव्यूह में अक्षौहिणी सेनाओं के बीच घिर जाय।" उस वक्त रथ के टूटग हुआ पहिया ही ब्रह्मास्त्र से लोहा लेने वाला हथियार एवं सच्चाई का आश्रय लिया था।कोई भी महावीर स्वयं को श्रेष्ठ मानकर रथ के टूटा हुआ पहिया को भी बेकार नहीं मानना चाहिए। उसी तरह समस्याओं से परिपूर्ण एवं विसंगतियों से भरे आज के समाज में जी रहे टूटे हुए इंसान को बेकार समझकर उसकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। क्योंकि हर एक जर्जर मनुष्य ले-देकर भी सब कुछ किसी समय महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। कौन जाने इतिहास की वास्तविकता झुठी लगने पर सच्चाई टूटे हुए पहियों की ही आश्रय ले ले।
अतः निष्कर्ष रूप में हम कह सकते हैं कि जीवन में तुच्छ से तुच्छ और लघु से लघु समझी जाने वाली वस्तु अथवा व्यक्ति भी कभी असत्य और अन्याय से लड़ने में अत्यधिक उपयोगी और शक्तिशाली सिद्ध हो सकता है।इसलिए हमें किसी भी वस्तु को अनावश्यक नहीं समझना चाहिए