'उफनती जिंदगी" और "पागल अखाड़े" से कवि का क्या तात्पर्य है?
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"उफनती जिंदगी" और "पागल अखाड़े" दोनों कविताओं में कवि ने एक उबलती हुई जीवन और उसमें मौजूद मनोरंजन के बीच एक विरोध को दर्शाया है। कवि ने इन दोनों कविताओं के माध्यम से जीवन के उतार-चढ़ाव, सुख-दुख और सामाजिक तथा आर्थिक दबाव के बारे में व्यक्त किया है।
"उफनती जिंदगी" और "पागल अखाड़े" दोनों ही शब्द पहले देखने में एकदम विपरीत लगते हैं। "उफनती जिंदगी" जो एक उच्च टेक समय की ज़िन्दगी है जहां लोग ताकत के अलावा और कुछ नहीं चाहते तथा "पागल अखाड़े" जो एक छोटे शहर के दूसरी तरफ का गली मोहल्ला होता है, जहाँ लोग अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपनी मेहनत तथा संकल्प को आगे बढ़ाते हैं।
दोनों शब्दों का इस्तेमाल एक कवि के द्वारा किया गया हो सकता है, जिसका तात्पर्य हो सकता है कि उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से उस समय की विभिन्न स्थितियों को दर्शाया है जो समाज में मौजूद हैं। किसी स्थिति के दो विपरीत पहलुओं को दर्शाने से यह दिखाया जा सकता है कि कवि ने उस समय के दो अलग-अलग जीवन शैलियों को दर्शाने का प्रयास किया है।
इस तरह, इन दो शब्दों से कवि ने समाज की दो अलग-अलग वातावरणों को दर्शाने का प्रयास किया हो सकता है।
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