उत्कीर्णन, लकड़ी का ठप्पा और शिला मुद्रण के बीच सोदाहरण अंतर बताइए।
Answers
उत्कीर्णन मुद्रण छपाई की सबसे पुरानी विश्वसनीय और संतोषजनक तकनीकों में से है। यह अधिकतर तांबे की प्लेट पर ही की जाती है। इस मुद्रण की तकनीक में अधिकतर तांबे की प्लेट पर ही संपूर्ण क्रिया की जाती है। इस तकनीक में छापा जाने वाला स्थान अंदर की तरफ होता है और ना छापा जाने वाला स्थान बाहर की तरफ होता है। छापे जाने वाले स्थान में एक स्याही भर दी जाती है। उत्कीर्णित अंदर वाले स्थान पर स्याही भरकर नरम कपड़े पर छपाई संपन्न कर ली जाती है।
ठप्पा मुद्रण तकनीक सबसे प्राचीन तकनीक है। इस तकनीक में लकड़ी के खांचे बनाकर उसमें कोई आकृति या डिजायन आदि उत्कीर्णित कर ली जाती है, जोकि उभरी हुई होती है। उस उभरे भाग पर स्याही लगाकर छपाई सम्पन्न की जाती है।
शिला मुद्रण तकनीक यह तकनीक मध्य काल के दौरान छपाई के क्षेत्र में लकड़ी की कटाई के साथ उत्कीर्णित की गई। लिथोग्राफी के आगमन से पुनरुत्पादन यानि प्रतिलिपि बनाने की तकनीक निश्चित रूप से नई स्थिति में पहुंच गई थी। इसके कारण ही ग्राफिक कला अपने उत्पादों को बड़ी संख्या में बाजार में पेश करने में सक्षम हो पाई।
≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡
पाठ - 7 : “प्रतिलिपि के विकास की अवस्थाएँ”
विषय : ग्राफिक डिजायन - एक कहानी [कक्षा - 11]
इस पाठ से संबंधित अन्य प्रश्नों के लिये नीचे दिये गये लिंकों पर जायें....
ठप्पा प्रिंटिंग से आप क्या समझते हैं?
https://brainly.in/question/16385121
═══════════════════════════════════════════
मनुष्य को मुद्रित पुस्तकों की क्यों जरूरत पड़ी?
https://brainly.in/question/16385116