Hindi, asked by aaravkhaneja8, 10 months ago

उत्साह एवं अट नहीं रही है - सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
Q1
ASSIGNMENT
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
कहीं साँस लेते हो,
घर-घर भर देते हो,
उड़ने को नभ में
पर-पर कर देते हो,
आँख हटाता हूँ तो
हट नहीं रही है।
पत्तों से लदी डाल
कहीं हरी, कहीं लाल,
कहीं पड़ी है उर में
मंद-गंध-पुष्प-माल
पाट-पाट शोभा-श्री
पट नहीं रही है।
(क) कविता में किसके सौन्दर्य का चित्रण है?
नहीं रही है।​

Answers

Answered by navneet3014
0

Answer:

Air in english /Hawa in hindi

Answered by paramjeetkaursec12
2
In this poem the poet has talked about our and animals life

This means that he has compared between the air and sky was

Like saas air
And nabh sky

Hope you liked it
Plz ignore my spelling mistakes
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