उदाहरण के साथ व्याख्या कीजिए- परमाणु संख्या, द्रव्यमान संख्या, समस्थानिक और समभारिक समस्थानिकों के कोई दो उपयोग लिखिए।
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उत्तर :
परमाणु संख्या :
किसी तत्व की परमाणु संख्या उसके नाभिक में स्थित प्रोटॉन की संख्या के बराबर होती हैं । इसे Z के द्वारा प्रर्दशित किया जाता है।
परमाणु संख्या के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन के समान होती है अब प्रोटॉन सदा इलेक्ट्रॉन के सामान संख्या में होते हैं।
परमाणु संख्या = नाभिक में प्रोटॉन की संख्या = इलेक्ट्रॉनों की संख्या
उदाहरण :
सोडियम परमाणु के नाभिक में 11 प्रोटॉन होते हैं। अतः इसकी परमाणु संख्या 11 होगी और इसे इस प्रकार लिखते हैं 11Na
द्रव्यमान संख्या :
किसी तत्व की द्रव्यमान संख्या उसमें उपस्थित प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की संख्या के योग के बराबर होती है।
द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या
उदाहरण :
सोडियम परमाणु में 11 प्रोटॉन और 12 न्यूट्रॉन होते हैं। अतः इसकी द्रव्यमान संख्या 11 + 12 = 23 होगी ।
समस्थानिक :
एक ही तत्व के एक परमाणुओं को जिनके नाभिकों में प्रोटॉन बराबर होते हैं न्यूट्रॉन संख्या में भिन्न भिन्न होते हैं उन्हें समस्थानिक कहते हैं।तत्व के समस्थानिकों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास एक समान होते हैं क्योंकि इनके संयोजकता एक सी होती है।
उदाहरण : हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक है -
प्रोटियम 1H¹ , ड्यूटीरियम 1H² , ट्राइटियम 1H³
समभारिक :
जिन तत्वों की परमाणु संख्या भिन्न भिन्न होती है लेकिन द्रव्यमान संख्या समान होती है उन्हें समभारिक कहते हैं ।
उदाहरण :
18Ar40 और 20Ca40
कैल्शियम की परमाणु संख्या 20 तथा ऑर्गन की परमाणु संख्या 18 है पर इन की द्रव्यमान संख्या 40 है जिस कारण इनमें इलेक्ट्रॉन संख्या भिन्न भिन्न है।
समस्थानिकों के दो उपयोग :
(1) कैंसर के उपचार में कोबाल्ट (Co 60) के समस्थानिक उपयोग किया जाता है। घेंघा रोग के इलाज में आयोडीन (I131) के समस्थानिक का उपयोग किया जाता है।
(2) यूरेनियम (U235) का उपयोग परमाणु भट्टी के ईंधन के रूप में होता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
Answer:
जिनकी परमाणु संख्या समान लेकिन द्रव्यमान संख्या अलग-अलग होती है, उसे समस्थानिक कहते हैं जैसे उदाहरण:- प्रोटियम, ड्यूटीरियम या ट्राइटियम,
समस्थानिक के उपयोग निम्नलिखित हैं:-
1.यूरेनियम के एक समस्थानिक का उपयोग परमाणु भट्टी (atomic reactor) में ईंधन के रूप में होता है।
2.कैंसर के उपचार में कोबाल्ट के समस्थानिक का उपयोग होता है। 3.घेंघा रोग के इलाज में आयोडीन के समस्थानिक का उपयोग होता है