Hindi, asked by sunnykumari2015, 9 months ago

utho Dhara ke Amar saputo Kavita ka Sar batao​

Answers

Answered by jk1520834
3

Answer:

उठो, धरा के अमर सपूतों।

पुन: नया निर्माण करो।

जन-जन के जीवन में फिर से

नव स्फूर्ति, नव प्राण भरो।

नई प्रात है नई बात है

नया किरन है, ज्योति नई।

नई उमंगें, नई तरंगें

नई आस है, साँस नई।

युग-युग के मुरझे सुमनों में

नई-नई मुस्कान भरो।

उठो, धरा के अमर सपूतों।

पुन: नया निर्माण करो।।1।।

डाल-डाल पर बैठ विहग कुछ

नए स्वरों में गाते हैं।

गुन-गुन, गुन-गुन करते भौंरें

मस्त उधर मँडराते हैं।

नवयुग की नूतन वीणा में

नया राग, नव गान भरो।

उठो, धरा के अमर सपूतों।

पुन: नया निर्माण करो।।2।।

कली-कली खिल रही इधर

वह फूल-फूल मुस्काया है।

धरती माँ की आज हो रही

नई सुनहरी काया है।

नूतन मंगलमय ध्वनियों से

गुँजित जग-उद्यान करो।

उठो, धरा के अमर सपूतों।

पुन: नया निर्माण करो।।3।।

सरस्वती का पावन मंदिर

शुभ संपत्ति तुम्हारी है।

तुममें से हर बालक इसका

रक्षक और पुजारी है।

शत-शत दीपक जला ज्ञान के

नवयुग का आह्वान करो।

उठो, धरा के अमर सपूतों।

पुन: नया निर्माण करो।।उठो धरा के अमर सपूतो : द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी जी द्वारा लिखी गई , इस कविता में कवि ने  देश के सुपूतों को नवनिर्माण करने का संदेश दिया है।

हे मातृभूमि के पुत्रों, तुमने इस देश को स्वतंत्रता करने के लिए बड़ा संघर्ष किया है, और हमेशा विजय पा कर वापिस आए हो | अपने देश का झंडा लहराया है |  

सचमुच, तुम भारत माता के सपूत हो, लेकिन अभी तुम्हें बहुत करना है | युग-युग से पराधीनता में रहते-रहते यहाँ के देशवासियों के हृदयों में निराशा मर गई है | जागों तुम्हें सबके मुंह से निराशा दूर करनी है , आशा बढ़ानी है |  

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Answered by dhatri84
3

Answer:

Iska ek chota sa saar mere pass hai- Kavi is Kavita mein navyuvako see jaagne ki keh rahe hai desh ki swatantra mein haanth dene me liye kah rahe Hain taski desh aazad ho jaaye yeh Kavita swaraj prapti me samay yuvaaon mein Josh laane ke liye likhi gayi thi......

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