वुक्षो के mahatva batate Hue ढस nare likhiye
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Explanation:
भारत के राजनीतिक इतिहास पर नज़र डालें तो इसका जवाब हां भी हो सकता है और ना भी.
बहुत से राजनीतिक दलों ने रचनात्मक नारों के आधार पर चुनाव जीते हैं जबकि नारों के लोगों को प्रभावित न कर पाने की सूरत में कई दल हार गए हैं.
तो जीतने की उम्मीद में राजनीतिक दलों के शब्दों के बाज़ीगर सिर जोड़कर बैठ जाते हैं ताकि कुछ मज़ेदार, मौलिक शब्दों के समूह पैदा कर सकें.
दुनिया के सबसे बड़े चुनाव कहे जा रहे, 2014 आम चुनाव, भी अलग नहीं हैं.
ट्विंकल-ट्विंकल लिटिल स्टार...
करीब-करीब हर दल मतदाताओं से जुड़ने के लिए अपने नारे लेकर मैदान में है. रचनात्मक नारे रोज़ अख़बारों में छप रहे हैं और अन्य प्रचार माध्यमों से भी सुने जा सकते हैं.
अक्सर नारे राजनेताओं को अपने समर्थकों को इकट्ठा करने और अपने विचारों को एक बार में कहने के काम आते हैं. 2008 के अमरीकी राष्ट्रपति चुनावों में दिए गए बराक ओबामा के नारे "यस वी कैन" को कम ही लोग भुला सकते हैं.
लेकिन भारत की विविधतापूर्ण राजनीतिक संस्कृति में नारे कैसे काम करते हैं?
यहां राजनीतिक दलों के नारे अक्सर देश का मिज़ाज भांपने की दल की क्षमता को रेखांकित करते हैं. एक अच्छा नारा धर्म, क्षेत्र, जाति और भाषा के आधार पर बंटे हुए लोगों को साथ ला सकता है लेकिन ख़राब नारा राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पलीता लगा सकता है.
इस साल सभी मुख्य राजनीतिक दलों को उम्मीद है कि उन्हें मतदाताओं के दिलों के तार छेड़ने वाला जादुई शब्द-समूह मिल गया है.

इमेज स्रोत,AFP
मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सारे पासे एक ही खाने में रख दिए हैं. पार्टी अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पर दांव खेल रही है और इसका नारा है, "अबकी बार, मोदी सरकार."
यकीनन यह नारा चल पड़ा है- इसके प्रशंसक और आलोचक दोनों पर ही एक समान असर कर रहा है.
बीजेपी के विरोधियों का कहना है कि मोदी ने पार्टी को "बंधक" बना किया है और यह नारा बताता है कि प्रचार में किसी और नेता को स्थान देने योग्य नहीं माना गया है.
लेकिन इस नारे के राजनीतिक फ़ायदे से इतर मज़ेदार बात यह है कि यह सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म में चर्चा का मुद्दा बना हुआ है.
भारत में सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस नारे के साथ तुक मिलाने वाली कई पंक्तियां जोड़ दी हैं.
एक में कहा गया है, "ट्विंटल-ट्विंकल लिटिल स्टार, अबकी बार मोदी सरकार."
सत्ताधारी कांग्रेस का मुख्य संदेश एकता और सबका विकास है. इसका नारा है- हर हाथ शक्ति, हर हाथ तरक्की.
लेकिन पार्टी सिर्फ़ एक ही नारे से ही संतुष्ट नहीं हुई और दूसरे नारे में इसने हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी बीजेपी पर निशाना साथा है- "कट्टर सोच नहीं, युवा जोश."

Answer:
रचनात्मक नारे रोज़ अख़बारों में छप रहे हैं और अन्य प्रचार माध्यमों से भी सुने जा ... एक अच्छा नारा धर्म, क्षेत्र, जाति और भाषा के आधार पर बंटे हुए लोगों को साथ ला सकता है ... उन्होंने विज्ञान और तकनीक के बढ़ते महत्व को रेखांकित करते हुए कहा "जय जवान, जय kashian
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