विनायक दामोदर सावरकर का स्वतंत्रता संघर्ष में क्या योगदान है?
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विनायक दामोदर सावरकर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक अग्रिम पंक्ति के स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रवादी नेता थे। विनायक दामोदर सावरकर स्वदेशी और हिदुत्व के घोर समर्थक थे। वह एक ऐसे क्रांतिकारी थे जिन्हें ब्रिटिश सरकार ने एक जन्म नहीं बल्कि दो जन्मों की आजीवन कारावास की सजा दी थी। अपने कालेज के दिनों में विनायक दामोदर सावरकर ने अपने साथियों के साथ मिलकर मित्र मेला नामक संगठन बनाकर विदेशी कपड़ों की होली जलाई जिस कारण उन्हें उस समय कॉलेज से निष्कासित कर दिया गया। उनकी पुस्तक ‘द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस’ को प्रकाशन से पूर्व ही ब्रिटिश सरकार ने जब्त कर लिया था। बाद में यह पुस्तक अलग-अलग नामों से गुप्त रूप से लोगों के बीच पहुंची। विनायक दामोदर सावरकर ने अभिनव भारत की स्थापना की थी। विनायक दामोदर सावरकर ही पहले व्यक्ति थे जिन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम को स्वाधीनता का प्रथम संग्राम बताया। सावरकर का अधिकांश समय अंडमान निकोबार की सेल्युलर जेल में ही बीता था।