वाण्डरवाल स्थिरांक a एवं b की भौतिक सार्थकता क्या है?
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वाण्डरवाल स्थिरांक a को मान गैस के अणुओं के मध्य आकर्षण बल की प्रबलता का माप है अतः a का मान अधिक होने पर अन्तराण्विक आकर्षण बल अधिक होगा। यह ताप एवं दाब पर निर्भर नहीं करता है। वाण्डरवाल स्थिरांक b को सह आयतन कहते हैं। यह गैस के अणुओं का प्रभावी आकार बताता है। इसका मान गैस के अणुओं के वास्तविक आयतन का चार गुना होता है।
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वैन डेर वाल्स समीकरण लगातार एक कण और निरंतर ख के बीच आकर्षण के लिए एक उपाय के औसत मात्रा एक कण से वी से बाहर रखा गया है
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