विपणन की परम्परागत तथा आधुनिक विचारधाराओं में भेद कीजिए एवं भारत में आधुनिक
विपणन के महत्व को समझाइए।
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विपणन एक आर्थिक क्रिया इसलिए है कि यह लाभ के लिए की जाती है लेकिन इसके साथ यह एक सामाजिक क्रिया भी है क्योंकि यह कार्य समाज के भीतर रहकर एवं समाज के लिए ही किया जाता है। अत: विपणन एक सामाजिक-आर्थिक क्रिया है। विनिमय का अर्थ है लेन-देन। इसके लिए बिना विपणन क्रिया संभव नहीं है अत:विनिमय को ही विपणन का आधार माना गया है।
विपणन का अर्थ
यह एक सामाजिक प्रक्रिया है जहाँ लोग मुद्रा अथवा कोई वस्तु जो उसके लिए महत्वपूर्ण हो, के बदले वस्तुओं एवं सेवाओं का आदान प्रदान करते हैं। कोई भी वस्तु जो किसी दूसरे के लिए कीमती है, उसका विपणन किया जा सकता है।
भौतिक उत्पाद - टी.वी., सेल फोन आदि।
सेवाएं - विभिन्न पदों के लिए उम्मीदवारों का चुनाव
व्यक्ति - विभिन्न पदों के लिए उम्मीदवारों का चुनाव
स्थान - ‘आगरा’ ताजमहल आदि।
विपणन की परिभाषा
विपणन की परिभाषा है -
व्हीलर के अनुसार:-’’विपणन उन समस्त साधनों एवं क्रियाओं से सम्बन्धित है जिनसे वस्तुएँ एवं सेवाएँ उत्पादक से उपभोक्ता तक पहुंचती है’’
पायले के अनुसार:-’’विपणन में क्रय एवं विक्रय दोनों ही क्रियाएँ सम्मिलित होती है।’’
अमेरिकन मार्केटिग एसोसिएशन के अनुसार:-’’विपणन उन व्यावसायिक क्रियाओं का निष्पादन करना है जो उत्पादक से उपभोक्ता की बीच वस्तुओं तथा सेवाओं के प्रवाह का नियमन करती है।’’
फिलिप कोटलर के अनुसार-’’विपणन वह मावनीय क्रिया है जो विनिमय प्रकियाओं के द्वारा आवश्यकताओं एवं इच्छाओं की सन्तुष्टि के लिए की जाती है।
हैन्सन के शब्दो में-’’विपणन उपभोक्ता की आवश्यकताओं को खोजने एवं उनको वस्तुओ तथा सेवाओं में परिवर्तित करने की क्रिया है।
विलियम जे. स्टेन्टन के शब्दों में:-’’विपणन उन समस्त आपसी प्रभावकारी व्यावसायिक क्रियाओं की सम्पूर्ण प्रणाली है जो विद्यमान एवं भावी ग्राहकों की आवश्यकताओं को संतुष्ट करने वाले उत्पादों तथा सेवाओं का नियोजन करने, मूल्य निर्धारण करने, प्रचार-प्रसार करने तथा वितरण करने के लिए की जाती है।’’
कण्डिक स्टिल तथा गोवोनी के मतानुसार-’’विपणन वह प्रबन्धकीय प्रक्रिया है जिसके द्वारा उत्पादो का बाजारों से मिलान किया जाता है तथा उसी के अनुरूप स्वामित्व का हस्तान्तरण किया जाता है’’।
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bipdhan ki parampra our aadhnik vicharon main bhed