History, asked by sunitamirdha123, 9 months ago

वीरशैव परंपरा का उद्भव किस शताब्दी में हुआ ? class 12 ​

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Answered by shishir303
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वीरशैव परंपरा का उद्भव 12वीं शताब्दी में हुआ था।

12वीं शताब्दी में कर्नाटक में एक आंदोलन ने जन्म लिया। इस आंदोलन का नेतृत्व वासवन्ना नाम के एक ब्राह्मण ने किया था। यह ब्राह्मण कर्नाटक के राजा कलाचुरी के दरबार का प्रधानमंत्री था। इन्हीं ब्राह्मण के द्वारा शुरु किये गये आंदोलन के अनुयाई वीरशैव कहलाए जिसका अर्थ है, शिव के वीर। इसके अतिरिक्त इन्हें लिंगायत यानी लिंग धारण करने वाला भी कहा जाता था।

वीरशैव संप्रदाय दक्षिण भारत विशेषकर कर्नाटक का एक प्रमुख संप्रदाय है, जिसे लिंगायत संप्रदाय भी कहा जाता है। यह शैव परंपरा पर आधारित संप्रदाय है और इस संप्रदाय के अनुयाई भगवान शिव के परम भक्त होते हैं। लिंगायत समुदाय के लोग भगवान शिव के लिंग स्वरूप की आराधना करते हैं।

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Answered by bhagwatvvm01
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Answer:

ksgdhdhrhegs

Explanation:

kkkkhhhhuuuuuddd kkkkkaaaaaaarrrrrr

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