वास्तविक लोकगीत कैसे होते हैं?
Hindi Class X SCERT Telangana Ch 5
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प्रस्तुत प्रश्न लोकगीत नामक प्रबंध से दिया गया हैं|यह निबंध हिंदी साहित्य के सुपरिचित रचनाकार भगवत शरण उपाध्याय हैं|इनका जन्म १९१० में हुआ|इन्होने कविता,लेखनीआदि विधानों में रचना की हैं|हिंदी साहित्य की रूप रेखा,कालिदास का भारत,गंगा,गोदावरी आदि इनके प्रसिद्ध रचनाएँ हैं|लोकगीत निबंध पाठ हैं|निबंध का अर्थ हैं बांधना| लोकगीत और हमारी जीवन विधान का अनोखा सम्बंध है|ये गीत भावना प्रधान होते हैं|लोकगीत हमारी जीवन पद्धति को प्रतिबिंबित करते हैं|इस में सुर ताल गति का ध्यान नहीं रखा जाता हैं|संगीत के बिना हमारी जिंदगी अधूरी हैं|
वास्तविक रूप में लोकगीत गाँवों में देहातों में गाये जाते है|ये सभी लोकगीत वहाँ के भाषा, जीवनशैली,प्रथा पर निर्भर रहतेहैं|ताजगी इनकी विसेषता हैं|
वास्तविक लोकगीत देश के गाँवों और देहातों में है। इनका संबंध देहात की जनता से है। बड़ी जान होती है इनमें। चैता, कजरी, बारहमासा, सावन आदि मिर्जापुर, बनारस और उत्तर प्रदेश के पूरबी और बिहार के पश्चिमी जिलों में गाए जाते हैं।