वास्तविक धर्म भगवान से प्रेम करना सिखाता है इस बारे में 500 वर्ड लिखिए
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वास्तविक धर्म हमें भगवान से प्रेम करना सिखाता है। यह कैसे इस बारे में आप सबको प्रश्न पड़ा होगा?तो मित्रो धर्म यानी हम लोगों ने आज कल जो विविध जातियां बनाई है उसे ही हम धर्म कहते हैं जैसे कृष्ण शर्मा हिंदू धर्म मुस्लिम धर्म यह अलग-अलग धर्मों के नाम और प्रकार आज बन चुके हैं। हालांकि पूर्वी में ऐसा नहीं था।उस समय जो व्यक्ति जैसा काम करता था जिस तरह आपने बुद्धि का प्रयोग करता था उसी तरह उसके धर्म को बांटा जाता था लेकिन कुछ लालची और बुरे लोगों ने इस धर्म की भावना को बदल दिया और आज ऊंच-नीच धर्म अलग-अलग हो गए हैं।
लेकिन मित्रो मेरी बात ध्यान से सुन लो आप एक बार गौर कर कर देखो कोई भी धर्म हो चाहे वह हिंदू हो मुस्लिम धर्म में हो या क्रिस्ती धर्मा हो कोई भी धर्म हमें कभी भी लड़ना नहीं सीखा था किसी भी धर्म में एक दूसरे के विरुद्ध कुछ कहा नहीं जाता चाहे आप बाइबल पढ़ लो कुरान पढ़ लो भगवत गीता पढ़ लो कोई भी किताब आप पढ़ो कोई भी ग्रंथा पढ़ो किसी भी धर्म का उसमें केवल अच्छे और नेक विचार ही कहे जाते हैं धर्म केवल हमें भगवान के प्रति प्रेम और आस्था जागृत करता है।आजकल बहुत से ऐसे पढ़े-लिखे लोग हो गए हैं जो पर लिखने के बाद भगवान को भूल गए लेकिन वही लोग जब पांचवी कक्षा में दसवीं कक्षा में थे तब वही भगवान से प्रार्थना करते थे कि हे भगवान मुझे दसवीं कक्षा में अच्छे गुणों से पास कर वह हर वक्त भगवान का नाम लेकर ही हर काम करते हैं लेकिन फिर भी उनका कहना है कि भगवान नहीं होता तो इसका मतलब यह है कि वह लोग अपने आप को ही भगवान मान रहे हैं लेकिन यह गलत है हां मुझे भी नहीं पता भगवान सच में है या नहीं है लेकिन भगवान एक आस्था के स्वरुप है अगर हम में आस्था प्रेरणा चाहिए हो तो वह हमें भगवान से मिलती है।
सिर्फ हम मन में ठान ले कि मेरे साथ मेरा भगवान है मेरे साथ मेरा अल्लाह है मेरे साथ मेरे कृष्ण है मेरे साथ मेरी यीशु है कोई भी है तो आप सिर्फ प्रार्थना करो अच्छे मन से अच्छे दिल से और सिर्फ प्रार्थना करने से कुछ नहीं होता क्योंकि भगवान हमें कुछ भी बिना मेहनत करे तो नहीं दे सकते उसके लिए हमें कष्ट जरूर करना होगा हमने मनु पूर्णा मनोभाव से कष्ट किया और भगवान से प्रार्थना की कि हे भगवान मुझे पास करते तो भगवान आपको सच में अच्छे गुणों से पास कर देगा इसका सबूत है मेरे पास,कुछ दिनों पूर्व में छठवीं सातवीं कक्षा में थी तब बहुत सही गुरु होने मुझे मतलब मेरी कक्षा के स्कूल के गुरु होने पर आया कि भगवान होते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी लोग थे जिन्होंने का विरोध किया कि भगवान नहीं होते भगवान होते तो वह सबका भला करते भगवान होते तो वह हमें दिखाई देते भगवान है ही नहीं ऐसा कहा और मैं भी कहीं ना कहीं इस बात को मानने लग गई थी कि भगवान नहीं होते लेकिन जब भी मुझे कोई चोट लगती कोई ऐतराज होता कोई मुसीबत आती है फिर भी मैं भगवान का ही नाम लेती कि मैं भगवान को नहीं मानती हूं भगवान मुझे नहीं पता नहीं भगवान झूठ है यह काल्पनिक है ऐसा मैं सबको कह दी थी लेकिन हर वक्त हर मुसीबत में उसी भगवान को याद करती थी तो मुझे समझ में आया कि भगवान है और भगवान हमारी हिम्मत है भगवान के नाम से जो शक्ति मिलती है जो आस्था प्रेरणा आत्मविश्वास मिलता है और इसे ही शायद भगवान कहते हैं।
हमारे प्रत्येक धर्मों में एक कॉमन वाक्य है कि अगर कोई इंसान प्रत्येक से प्रेम करें जो सबको प्रिय हो वह भगवान को भैया होता है और यह सच है मतलब किसी भी ग्रंथ में कुछ बुरा नहीं कहा जाता कोई भी धर्म हमें यह नहीं सिखाता कि आप एक दूसरे से दंगे करो एक दूसरे के विरोधी रहो एक दूसरे से अलग रहो प्रत्येक धर्म समान है आप कुछ भी कपड़े पहनो कुछ भी खाओ कुछ भी पी लो लेकिन इंसानियत से रहो यही हमें धर्म सिखाता है और यही भगवान का भी कहना है भगवान हर वक्त हर बार हमारे सामने नहीं आ सकते हर किसी की इच्छा वह पूर्ण नहीं कर सकते अगर हमें भगवान के पास मिलना हो भगवान के पास अपनी इच्छा रखनी है तो कुछ अच्छा नहीं काम करते हो अगर भगवान ने आपकी इज्जत तुरंत पूर्ण ना कि आप मुझसे आकर मिलो और मुझे चाहे पिछोर से चांटा लगा दो मैं कुछ नहीं बोलूंगी लेकिन एक बार यह प्रयोग जरूर कर कर देखो।
मुझे मेरे ग्रंथ धर्म और भगवान पर बहुत भरोसा है ऐसा नहीं कि भगवान है तो सब भगवान को मानते आपको जो भगवान पसंद आई सब कुछ एक ही है। सारे संत भी भगवान का रूप है सारी भगवान भी यीशु भी कृष्ण है कृष्ण ही अल्लाह है सब कुछ एक है धर्म एक है जातीय कहे लेकिन हमारा देखने का नजरिया ही अलग है सब का नजरिया अगर एक कर लो तो हमें कोई एतराज नहीं होगा।
मुस्लिम लोगों में डुक्कर को नहीं खाया जाता हिंदू लोगों में किसी को नहीं खाया जाता मतलब ब्राह्मण हिंदू और बाकी हिंदू सब कुछ खाते हैं क्रिश्चियन लोग भी खाते हैं मतलब एक प्राणी दूसरे प्राणी पर ही जीवित रहता है और वैसे भी आबादी बढ़ जाएगी तो यह सब तोड़ देता है लेकिन हमें एक सजीव होने के कारण दूसरे सचिव का विचार करना चाहिए हमने अगर सब ने ठान ली कि किसी भी प्राणी की हत्या ना करें तो सब धर्म समान हो जाएगी सब अगर ठान ली कि हम हमारी मर्जी से जी मैं हिंदू हूं लेकिन मुझे बुर्का पहनना है तो मैं पहन सकती हूं क्योंकि दुकान में मिलता है आसानी से मिलता है उसे कोई जाति पीठ का कोई है नहीं तो सब कुछ एक दूसरे के कपड़े पहन सकते हैं रह सकते हैं यही हमारा धर्म हमें सिखाता है।
कभी बुरा नहीं होता और कभी बुरा भी नहीं सिखाता धर्म सिर्फ भगवान के पास ले जाता है कुरान मुस्लिम धर्म अल्लाह के पास ले जाता है हिंदू धर्म श्री नारायण के पास ले जाता है क्रिश्चियन धर्म यीशु के पास ले जाता है इस तरह हर धर्म हर जाति अपने भगवान के पास ही ले जाती है और आप भी भगवान से निकट ही रहे अच्छे काम करें अच्छे कर्म करें मित्रों को खुश रखें इसका फायदा भगवान भी आपको खुश रखेगा।
जय सेवालाल, सलाम वालेकुम, आमीन, जय श्री कृष्णा जय यीशु मसीहा धन्यवाद