Hindi, asked by rishidev1978, 4 months ago

विशेषण किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं​

Answers

Answered by ISHABAGHEL
3

Answer:

विशेषण का अर्थ

सबसे पहले हम बात करते हैं विशेषण शब्द का अर्थ क्या होता है. विशेषण शब्द का अर्थ होता है. किसी शब्द की विशेषता को बताना और विशेषण शब्द का काम संज्ञा या सर्वनाम के शब्दों की विशेषता बताना होता है. यही विशेषण का अर्थ होता है.विशेषण शब्द के अर्थ के साथ ही विशेषण शब्द की परिभाषा जुड़ी हुई है. तो नीचे हम आपको विशेषण की परिभाषा बताते हैं.

विशेषण की परिभाषा

जैसा की हमने आपको ऊपर विशेषण के अर्थ में बताया उसी तरह से इसकी परिभाषा है. जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता का बोध कराता है उसकी विशेषता बताता है उसे विशेषण कहते हैं.यहां पर हमने आपको दो चीजें बताइए संज्ञा और सर्वनाम क्योंकि सर्वनाम शब्द 20 शब्द होते हैं जो संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं. संज्ञा जो जो काम करती है. वही काम सर्वनाम करते हैं तो यदि ऐसे वाक्य में संज्ञा शब्दों की विशेषता को विशेषण बताएगा तो सर्वनाम की विशेषता भी बताएगा.क्योंकि सर्वनाम संज्ञा के स्थान पर आकर वही सभी काम करता है जो की संज्ञा करती है इसलिए यह दोनों एक ही तरह का काम करते हैं और इसीलिए इनकी दोनों की विशेषता विशेषण बताएगा.

कितने प्रकार कके होत हैं

विशेषण के निम्नलिखित चार भेद होते हैं। गुणवाचक(सुंदरता, कुरूपता,विद्वता आदि सूचक शब्द),

Answered by samikshavangule061
2

Explanation:

  • विशेषण - संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द विशेषण कहलाते हैं। ये शब्द संज्ञा के साथ लगकर संज्ञा की विशेषता बताते हैं।

उदाहरण :-

मीरा बहुत ही सुंदर लड़की है।

सोहन एक मेहनती विद्यार्थी है।

पहले वाक्य में मीरा एक लड़की का नाम है,और वह संज्ञा है । सुंदर शब्द एक विशेषण है,जो संज्ञा की विशेषता बता रहा है। इसलिए यह शब्द विशेषण कहलाएगा।

दूसरे वाक्य में भी मेहनती शब्द यह बता रहा है कि सोहन कैसा विद्यार्थी है। तो यह शब्द विशेषण कहलाएगा।

  • विशेषण के भेद - विशेषण के आठ भेद होते हैं।

गुणवाचक विशेषण

संख्यावाचक विशेषण

परिमाणवाचक विशेषण

सार्वनामिक विशेषण

व्यक्तिवाचक विशेषण

संबंधवाचक विशेषण

तुलना बोधक विशेषण

प्रश्न वाचकविशेषण

अब देखते हैं कि उपरोक्त विशेषणों को हम कैसे पहचानेंगे।

1) गुणवाचक विशेषण - जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम के रंग, रूप ,गुण, दोष,आकार-प्रकार या उसके गंध आदि का बोध कराते है,उसे गुणवाचक विशेषण कहा जाता है।

जैसे:

रिया एक सुंदर लड़की है।

मोहन बुद्धिमान लड़का है।

जयपुर को पिंक सिटी कहा जाता है।

रामू एक बेइमान इंसान है।

ऊपर के वाक्यों में सुंदर रूप को बता रहा है। बुद्धिमान गुण को बता रहा है। पिंक रंग की विशेषता बता रहा है और बेइमान दोष के बारे में बता रहा है।

2) संख्यावाचक विशेषण - ऐसे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की "संख्या" के बारे में बोध कराते हैं,वो संख्या वाचक विशेषण कहलाते हैं। इसमें भी दो तरह के विशेषण होते हैं।

निश्चित संजय वाचक विशेषण: जो संज्ञा या सर्वनाम के किसी काम के निश्चित संख्या का बोध कराता हो। जैसे: राम ने पाँच केले खाए। यहाँ पर एक निश्चित संख्या "पाँच" की है।

अनिश्चित संख्या वाचक विशेषण : जब संज्ञा या सर्वनाम के किसी बात का निश्चित अनुमान न बो तो उसे अनिश्चित संख्या वाचक विशेषण कहते हैं। जैसे : मोहन घर लौटते वक्त कुछ फल खरीद ले आया। यहाँ पर निश्चित संख्या नहीं है।

जैसे:

विवेक प्रति दिन पचास सीढ़ियाँ चढ़ता है।

मीना ने आज चार केले जाए।

दुनिया में सात अजूबे हैं।

मेरी कक्षा में चासीस बच्चे हैं।

राम ने कुछ फल खरीदे।

बारिस के कारण आज कक्षा में बहुत कम बच्चे आए।

यहाँ हम देख सकते हैं कि ऊपर के वाक्यों में निश्चित तथा अनिश्चित संख्या के द्वारा संज्ञा की विशेषता बताया गया है।

3) परिमाणवाचक विशेषण - जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की"मात्रा" के बारे में बोध कराते हैं, वो परिमाण वाचक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे :

बाजार से एक किलो टमाटर लेकर आना।

जाओ एक मीटर कपड़ा लेकर आओ।

इन वाक्यों में हमें पता है कि कितनी मात्रा में समान लाना है। अगर इन शब्दों का प्रयोग नहीं होता तो हमें पता ही नहीं चलता कि कितना सामान लाना है।

4) सर्वनामिकवाचक विशेषण - जो सर्वनाम शब्द संज्ञा के पहले आकर संज्ञा की विशेषता बताए उसे सर्वनामिक विशेषण कहा जाता है

जैसे:

यह लड़का कक्षा में अव्वल आया।

वह आदमी अच्छे से काम करना जानता है।

यह लड़की वही है,जो खेल में ट्रॉफी जीतकर लायी है।

ऊपर के उदाहरण में संज्ञा के पहले सर्वनाम के शब्द है, जो संज्ञा की विशेषता बता रहे हैं। अगर यह शब्द नहीं होते तो पता ही नहीं चलता कि किसके बारे में बात हो रही है।

5) व्यक्तिवाचक विशेषण - जो शब्द असल में व्यक्तिवाचक संज्ञा से बने होते हैं और विशेषण शब्दों का निर्मण करते है,वो व्यक्तिवाचक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे:

मुझे भारतीय खाना पसंद है।

बनारस की बनारसी साड़ियाँ बहुत अच्छी होती हैं।

ऊपर के उदाहरण में भारत से भारतीय शब्द बना है। उसी तरह बनारस से बनारसी शब्द बना है। इसलिए यह व्यक्तिवाचक विशेषण के अंतर्गत आएगा।

6) संबंधवाचक विशेषण - जब विशेषण शब्दों का प्रयोग करके किसी"एक वस्तु या व्यक्ति का संबंध दूसरे वस्तु या व्यक्ति" के साथ बताया जाए तो वह संबंधवाचक विशेषण कहलाता है। इस तरह के विशेषण क्रिया, क्रिया विशेषण से बनते हैं।

मुझे अंदरूनी चोट लगी है।

ज्वाला मुखी की भीतरी सतह बहुत ज्यादा गरम होता है।

यहाँ पर अंदर से अंदरूनी और भीतर से भीतरी शब्द बना है।

7) तुलनाबोधक विशेषण - जब दो वस्तुओं के गुण दोष आदि की परस्पर तुलना की जाती है, तो वे शब्द तुलनाबोधक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे:

रीता सोनी से ज्यादा सुंदर है।

सभी महासागरों में प्रशांत महासागर विशालतम है।

ऊपर केे वाक्यों में ज्यादा सुंदर और विशालतम दोनों तुलनात्मक विशेषण हैं। जब तक दो चीजों की तुलना नहीं होगी तब तक श्रेष्ठ या सर्वश्रेष्ठ का के बारे में नहीं जाना जा सकता है। तुलनात्मक विशेषण के द्वारा हम इनके बारे में जान सकते हैं।

8) प्रश्नवाचक विशेषण - ऐसे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम में किसी वस्तु या व्यक्ति के जानने के लिए प्रयोग होता है,वो प्रश्न वाचक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे:

मेरे जाने के बाद यहाँ कौन आया था?

तुम किस प्रश्न के बारे में पूछ रहे हो?

यहाँ उदाहरण में कौन से किसी व्यक्ति के बारे में जानकारी मिल रही है। उसी तरह किस शब्द से हमें पूछे गए प्रश्न की जानकारी मिल रही है।

तो यह थे, विशेषण के अलग अलग प्रकार। उन्हें किस तरह वाक्यों में प्रयोग करके संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता को जाना जा सकता है,उसकी पूरी जानकारी इस उत्तर में है।

mark as brainliest

Similar questions