Hindi, asked by diya54126, 6 months ago

विषय- कहानी लेखन
दिए गए संकेत विदुओं के आधार पर 100जदों में कहानी लिरिवाए-
राम चरवाहा - बकरियां - जंगल - शरारती- झूठा चिल्लाना - ​

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Answered by Anonymous
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Explanation:

विषय- कहानी लेखन

दिए गए संकेत विदुओं के आधार पर 100जदों में कहानी लिरिवाए-

राम चरवाहा - बकरियां - जंगल - शरारती- झूठा चिल्लाना -

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Answered by mandrah46
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Answer:

किसी गांव में एक चरवाहा बालक रहता था। पुरे गाँव भर की भेड़ों को वह प्रतिदिन पहाड़ी पर स्थित चारागाह में ले जाता और उन्हें घास चरने के लिए छोड़ देता।

चरवाहा बालक अपने काम को हर रोज अच्छे से कर रहा था। मगर एक ही जगह उन सभी भेड़ों को प्रतिदिन ले जाकर चराते-चराते बेचारा ऊब सा गया था। उसने सोचा कि क्यों न दिल बहलाने के लिए कुछ हंसी मजाक किया जाए। बस इस खयाल के आने की देर थी, चरवाहा जोर-जोर से डरी हुई आवाज में चिल्लाने लगा – “भेड़िया आया! भेड़िया आया। बचाओ….बचाओ। भेड़िया भेड़ों को खा रहा है।” आस-पास के खेतों में काम कर रहे लोगों ने जब चरवाहे की आवाज सुनी तो उनके हाथों में जो कुछ भी था, उन्हें लिए दौड़े चले आए।

परंतु वहां पहुंचकर उन्होंने देखा कि भेड़ें तो आराम से चर रही थी और चरवाहा बालक हंस रहा था। ”कहां है भेड़िया?“ गांव वाले क्रोध में बोले। मगर चरवाहा हंसता ही रहा, उसे गाँव वालों को बेवकूफ बनाने में बहुत मजा आया।

हर रोज की तरह दूसरे दिन भी चरवाहा भेड़ों को चराने पहाड़ी वाले मैदान में ले गया। मगर जब वह एक पेड़ के नीचे बैठा अपनी बांसुरी बजा रहा था, तभी उसे गुर्राने की आवाज सुनाई दीं। उसने सिर उठाकर देखा तो कुछ दूर पर सचमुच एक बड़ा सा भयानक भेड़िया गुर्राता हुआ भेड़ों की ओर बढ़ रहा था।

भेड़ों ने एक खूंखार भेड़ियों को अपनी ओर बढ़ते देखा तो मिमियाकर इधर-उधर भागने लगीं।

चरवाहा बालक भयभीत हो गया। लगा जोर जोर से चिल्लाने- ”भेड़िया आया! भेड़िया आया। बचाओ….बचाओ।“

इस बार वह बहुत डरा हुआ था। चिल्ला-चिल्ला कर सहायता की गुहार लगा रहा था। वह कांप रहा था और गांव की ओर आशा भरी नजरों से देख रहा था। मगर गांव वालों ने सोचा कि चरवाहा बालक मजाक कर रहा होगा। वे नहीं आए।

भेड़िये ने भी चरवाहे बालक को भय से कांपते देख तो समझ गया कि अब कोई नहीं है, जो उसका मुकाबला कर सके। बस फिर क्या था, भेडि़ए ने एक भेड़ की गरदन पकड़ी और देखते ही देखते उसे लेकर भाग गया। भेड़ें बुरी तरह मिमियाती और छटपटाती रहीं।

चरवाहा बालक रोता हुआ गांव वालों के पास आया और दर्दभरी कहानी सुनाई। वह अपने किए पर बुरी तरह पछता रहा था। चरवाहे बालक के माता-पिता तथा गांव वालों ने उसे खूब डांटा। बालक ने भी अपने मूर्खतापूर्ण कार्य के लिए क्षमा मांगी और वादा किया कि भविष्य में वह ऐसा मजाक नहीं करेगा।

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