India Languages, asked by sunilsahuujjain, 7 months ago

विद्या रूपं कुरूपाणाम, निर्धनानां धनं तथा।
निर्बलानाम् बलं विद्या, साधनीया प्रयत्नतः ॥3॥​

Answers

Answered by shishir303
5

विद्या रूपं कुरूपाणाम, निर्धनानां धनं तथा।

निर्बलानाम् बलं विद्या, साधनीया प्रयत्नतः ॥3॥​

अर्थ : विद्या कुरूपों की सुंदरता होती है। विद्या निर्धनों का धन होती है। विद्या निर्बलों का बल होती है। इस विद्या को प्राप्त करने में बहुत ही प्रयास करने पड़ते हैं।

व्याख्या : विद्या यानि ज्ञान का अपना महत्व है, ये किसी भी रूप से सुंदर है, किसी भी धन से धनवान है, किसी भी निर्बल से बली है। इसलिये सदैव ज्ञान प्राप्त करने को प्राथमिकता देनी चाहिये।

○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○

Similar questions