"विवेचना: वार्षिकोत्सव' की विधा है :
(क) गोष्ठी प्रसंग
(ख) भेंटवार्ता ग डायरी
(घ) पत्र
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यहाँ शुक्लजी के जो पत्र दिए गए हैं, वे विभिन्न ... तो भी उस जगदीश्वर के घर, होता नहीं कभी अंधेर । ... दहन दु:ख का हो जाता हैं पलक मात्रा में,.
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दिये गए वाक्यों का अर्थ।
Explanation:
क) गोष्ठी प्रसंग यानी दल के हिसाब से किसी भी विषय में चर्चा करना। अक्सर गोष्ठी प्रसंग बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि इसी बीच ही कई सारे अच्छे-अछे सुझाव सामने आते है।
ख) भेटवार्ता या डायरी के जरिये कोई भी व्यक्ति प्रति दिन अपने जीवन में घटित घटनाओं को लिख सकता है। इससे बाकी लोगों को उस व्यक्ति के जीवन के जानने का मौका मिलता है।
ग) पत्र के जरिये किसी भी व्यक्ति के साथ आप जुड़ सकते हैं चाहे वो आपसे कितना ही दूर क्यों न हो। इससे दो व्यक्ति के बीच संवाद भी हो सकता है।
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