Accountancy, asked by PragyaTbia, 1 year ago

व्याख्या करें कि एक साझेदारी समझौते का लिखित में होना क्यों उत्तम माना जाता है।

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Answered by abinashfun555
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साझेदारी की परिभाषा (Definition of Partnership)–

भारतीय साझेदारी अधिनियम की धारा 4 के अनुसार “साझेदारी उन व्यक्तियों के मध्य पारस्परिक सम्बन्ध हैं जो किसी व्यवसाय के लाभों को बांटने के लिया सहमत हुए हैं जिसका संचालन उन सभी के द्वारा या उन सभी की और से किसी एक के द्वारा किया जाता है.”

साझेदारी की आवश्यकता (Need of partnership)–

सीमित पूँजी, सीमित प्रबंध, क्षमता व चातुर्य, अनिश्चित अस्तित्व आदि एकाकी व्यापार की कमियों को दूर करने के लिए साझेदारी का उद्भव हुआ . पूँजी कार्यकुशलता अनुभव की पूर्ति के लिए साझेदारी की स्थापना की जाती है .

Answered by crohit110
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साझेदारी समझौते 1932 के अनुसार यह आवश्यक नहीं है कि एक साझेदारी समझौता लिखित रूप में होना चाहिए लेकिन फिर भी यह हमेशा सुझाव दिया जाता है कि यह लिखित रूप में होना चाहिए। क्योंकि आज भागीदारों के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं, लेकिन भविष्य में किसी भी मुद्दे के बारे में कोई विवाद हो सकता है एक लिखित साझेदारी समझौते से भागीदारों के बीच विवाद और गलतफहमी से बचने में मदद मिलेगी।

इस तरह मौखिक समझौतों की तुलना में एक लिखित साझेदारी विलेख अधिक वांछनीय है। एक लिखित साझेदारी समझौता साझेदारी फर्म के व्यवसाय के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करता है। यह भागीदारों के बीच विवादों को निपटाने में मदद करता है। इसके अलावा विधिवत हस्ताक्षरित और पंजीकृत भागीदारी विलेख का उपयोग न्यायालय में साक्ष्य के रूप में किया जा सकता है। इसलिए, अपने मौखिक समकक्षों पर लिखित दस्तावेजों के साथ जुड़े होने के कारण लिखित रूप में साझेदारी विलेख बनाना ज्यादा वांछनीय है।

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