वह बहुत जोर से बोलता है इसमें पद परिचय कीजिए
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पद परिचय
हम अपना परिचय देते हैं, ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने शब्द होते हैं, उनका भी परिचय हुआ करता है। वाक्य में जो शब्द होते हैं,उन्हें ‘पद’ कहते हैं। उन पदों का परिचय देना ‘पद परिचय’ कहलाता है।
मेरा नाम इब्राहिम खान है।
* मैं हकीमपेट में रहता हूँ।
* मैं केंद्रिय विद्यालय का शिक्षक हूँ।
* मुझे व्याकरण पढ़ाना अच्छा लगता है
इस प्रकार अपने बारे में बताने को परिचय देना कहते हैं। जैसे हम अपना परिचय देते हैं, ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने शब्द होते हैं, उनका भी परिचय हुआ करता है।वाक्य में जो शब्द होते हैं,उन्हें ‘पद’ कहते हैं।उन पदों का परिचय देना ‘पद परिचय’ कहलाता है।
पद परिचय में किसी पद का पूर्ण व्याकरणिक परिचय दिया जाता है। व्याकरणिक परिचय से तात्पर्य है– वाक्य में उस पद की स्थिति बताना , उसका लिंग , वचन , कारक तथा अन्य पदों के साथ संबंध बताना।
पद परिचय के प्रकार – संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण , क्रिया, अव्यय (क्रिया विशेषण, समुच्चयबोधक, संबंधबोधक, विषमयादिबोधक) इन सभी पदों का परिचय देते समय हमें निम्नलिखित बिन्दुओं का ध्यान रखना चाहिए।
वह is the answer
पद परिचय
हम अपना परिचय देते हैं, ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने शब्द होते हैं, उनका भी परिचय हुआ करता है। वाक्य में जो शब्द होते हैं,उन्हें ‘पद’ कहते हैं। उन पदों का परिचय देना ‘पद परिचय’ कहलाता है।
मेरा नाम इब्राहिम खान है।
* मैं हकीमपेट में रहता हूँ।
* मैं केंद्रिय विद्यालय का शिक्षक हूँ।
* मुझे व्याकरण पढ़ाना अच्छा लगता है
इस प्रकार अपने बारे में बताने को परिचय देना कहते हैं। जैसे हम अपना परिचय देते हैं, ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने शब्द होते हैं, उनका भी परिचय हुआ करता है।वाक्य में जो शब्द होते हैं,उन्हें ‘पद’ कहते हैं।उन पदों का परिचय देना ‘पद परिचय’ कहलाता है।
पद परिचय में किसी पद का पूर्ण व्याकरणिक परिचय दिया जाता है। व्याकरणिक परिचय से तात्पर्य है– वाक्य में उस पद की स्थिति बताना , उसका लिंग , वचन , कारक तथा अन्य पदों के साथ संबंध बताना।
पद परिचय के प्रकार – संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण , क्रिया, अव्यय (क्रिया विशेषण, समुच्चयबोधक, संबंधबोधक, विषमयादिबोधक) इन सभी पदों का परिचय देते समय हमें निम्नलिखित बिन्दुओं का ध्यान रखना चाहिए।
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