Environmental Sciences, asked by modimahinder, 3 months ago

वह पोस्ट नर्मदा प्रोजेक्ट इन मध्य प्रदेश​

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नर्मदा नदी मध्य प्रदेश के अमरकंटक से निकल कर अरब सागर में मिलती हैं। इस बीच यह ३ राज्यो से होकर बहती हैं इसकी कुल लंबाई 1312 किमी हैं, जिसमे से 1077 किमी मध्यप्रदेश में, शेष महाराष्ट्र और गुजरात की सीमा से होकर बहती हैं। जल के बटवारे को लेकर इन राज्यो में विवाद भी हो चूका हैं, जिसको लेकर भारत सरकार ने 1969 में नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण का गठन किया। जिसका फैसला 1970 में आया, इसके अनुसार कुल 27 मिलियन घन फीट जल में से 18.२५ मिलियन घन फीट जल मध्य प्रदेश को प्रदान किया गया, इस शर्त के साथ की प्रदेश को 2025 तक प्रदत्त जल का पूर्ण उपयोग करना होगा, अन्यथा अनुपयोग जल बाकी के राज्यो को दे दिया जायेगा। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने 9 अगस्त 1985 नर्मदा घाटी परियोजना का गठन किया।

सरदार सरोवर बाँध

गुजरात और मध्य प्रदेश की राज्य सरकारों ने सरदार सरोवर परियोजना (SSP) और नर्मदा सागर परियोजना (NSP) की 1979 नींव रखी। इन राज्यो के अनुसार इस परियोजना से 1.9 करोड़ हेक्टेयर में सिंचाई, 1,450 मेगावाट बिजली (गुजरात) और 0.14 लाख हेक्टेयर में सिंचाई, 1,000 मेगावाट बिजली (म.प.) क्रमशः उत्पन्न होगी। इतने सुस्पष्ट लाभ के बावजूद सरदार सरोवर परियोजना भारत और दुनिया भर में में सबसे अधिक विवादास्पद परियोजना है। सभी विवादों में सबसे मुख्य मुद्दा, विस्थापित किये गए परिवारों की संख्या है क्योंकि बांध बनने के समय के रिपोर्ट में 6,147 परिवारों को विस्थापित बताया गया था, जबकि 1990 के एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार लगभग 40,245 परिवारो को विस्थापित होना पड़ा था। [3] न केवल विस्थापित लोगों की बड़ी संख्या विवादास्पद रही बल्कि, पर्यावरण के विनाश के पहलुओं ने भी लोगो का ध्यान आकर्षित किया। इस परियोजना का वहाँ के आस-पास की परिस्थितिकी पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ा हैं लगभग 13385.45 हेक्टेयर वन जलमग्न हो चुके हैं। सरकार और पर्यावरणविद में जारी मतभेद और संघर्ष के बीच नर्मदा बचाओ आंदोलन का गठन किया गया जिसने आगे चल कर अपनी ज़मीन के लिए संघर्ष कर रहे परिवारों की मदद की।

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