Hindi, asked by biswaprasadswain, 8 months ago

५) वहन
बहलू के मन में ऐसी कौन सी व्यथा थी जो लेखन से
छिपी न रह सकी ।​

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Answered by anshikadwivedi01
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Answer:

bablu ke man mein laak ki chudiyon ki jagah kaach ki chudiyon ka prachar hone ki baat chipi na reh saki

Answered by Anonymous
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Answer:

बदलू लाख की चूड़ियाँ बेचा करता था परन्तु जैसे-जैसे काँच की चूडियों का प्रचलन बढ़ता गया उसका व्यवसाय ठप पड़ने लगा। अपने व्यवसाय की यह दुर्दशा बदलू को मन ही मन कचौटती थी। बदलू के मन में इस बात कि व्यथा थी कि मशीनी युग के प्रभावस्वरुप उस जैसे अनेक कारीगरों को बेरोजगारी और उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है। अब लोग कारीगरी की कद्र न करके दिखावटी चमक पर अधिक ध्यान देते हैं। यह व्यथा लेखक से छिपी न रह सकी।

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