Hindi, asked by namish1603, 1 year ago

Vidyarthi ke Jeevan Mein Mata Pita evam Adhyapak ka Sahyog Mein nibandh in 350 words ​

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Answered by shubhangisingh27
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Explanation:

विद्यार्थी के जीवन में माता-पिता का सहयोग

विद्यार्थी जीवन में माता पिता का सहयोग – माता पिता की भूमिका बच्चों का करियर बनाने में महत्वपूर्ण है .परीक्षा के कठिन दिन होते हैं

माता पिता की भूमिका और बच्चों का करियर क्या हो अपने इच्छा या विचार नही लादें तो बेहतर हो …

बच्चों का क्या भविष्य हो, बच्चा क्या बनें , माता पिता क्या सोचते हैं बच्चों के करियर के बारे में ..

विद्यार्थी जीवन में माता पिता का सहयोग

बेशक, छोटे बच्चो के एग्जाम खत्म हो गए पर पेरेंटस की चिंता अभी भी बरकरार है कल मेरी एक जानकार मिली बोली वो दिल्ली शिफ्ट हो रहे हैं ताकि बच्चे की पढाई अच्छी हो कोचिंग …… वो अभी दूसरी क्लास में है …

वैसे इन दिनों अखबार भी विज्ञापन से भरे हुए है और और विज्ञापन हैं कोचिंग सैंटर्स के और उन बच्चों के जिन्होने मैडिकल या नॉन मैडिकल में रैंक ली हैं …

बडे बच्चों को तो है ही पर छोटी क्लास मे पढने वाले बच्चों के पेरेंटस को चिंता है कि बच्चा क्या सब्जेक्ट ले … किस फील्ड में जाए … ….. दो दिन पहले मैं भी नेट पर ऐसा ही कुछ सर्च कर रही थी कि एक टोपिक इसी से रिलेटिड था

बडा अच्छा लगा और सोचा कि इसे आप से जरुर शेयर करुं मैनें पढा कि एक मातापिता जानना चाह रहे थे कि उनका बेटा 5 में है उसके लिए आईआईटी के लिए कौन सा कोचिंग सेंटर सही रहेगा … अब बताईए … 5 क्लास से ही आप बच्चे को लेकर इतने गम्भीर हो जाएगें तो उसका बचपन तो गया…

वैसे बात यही नही रुकी थी लोगो ने अपनी प्रतिक्रियाए भी दी थी इस विषय पर … एक ने तो कहा था कि लेकिन आपका बच्चा थोड़ा लेट हो गया है. आईआईटी की तैयारी तो 5वीं क्लास के पहले से ही शुरू हो जाती है. यही नहीं यह तो बच्चे के पैदा होने से पहले ही शुरू हो जाती है.

दूसरे लिखा कि एक ने लिखा- मेरे पास इससे बेहतर आइडिया है. जब आपकी पत्नी दोबारा गर्भवती हों तो उन्हें सारी अच्छी किताबे पढा देना एचसी वर्मा ,डीसी पांडेय की किताबों से सवाल हल करने के लिए कहें क्योंकि आप जानते ही होंगे कि अभिमन्यु ने गर्भ में ही चक्रव्यूह के बारे में जान लिया था. इससे आपका बेटा कम से कम समय में आईआईटी की तैयारी कर लेगा.

ये बात बताने का मेरा बस एक ही मतलब है कि बच्चे को जीने दीजिए उन पर अपनी इच्छाओं का बोझ मत लादिए … उन्हें स्प्पेस दीजिए …।।


Shreyaastha: what about teachers?
shubhangisingh27: टीचर हमारे दूसरे माता पिता हैं का रूप है पहले तो सारी भूमिका हमारे माता-पिता निभाते हैं और जो भूमिका पर जाती है वह हमारे पिक्चर टीचर निभाते हैं
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