vision of mother earth by the Year 2040 a poem in hindi
Answers
धरती की बस यही पुकार”
धरती कह रही हैं बार बार
सुन लो मनुष्य मेरी पुकार,
बड़े बड़े महलों को बना के
मत डालो मुझ पर भार
पेड़ पौधों को नष्ट करके,
मत उजाड़ो मेरा संसार,
धरती की बस यही पुकार!!
मैं हु सबकी जीवन दाता
मैं हु सबकी भाग्य विधाता,
करने डॉ मुझे सब जीवो पर उपकार,
मत करो मेरे पहाड़ों पर विस्फ़ोटक वार,
मत उजाड़ो मेरा संसार,
धरती की बस यही पुकार!!
सुंदर सुंदर बाग़ और बगीचे हैं मेरे,
हे मनुष्य ये सब काम आयेंगें तेरे,
मेरी मिटटी में पला बड़ा तू,
तूने यहीं अपना संसार गाढ़ा हैं,
फिर से कर ले तू विचार,
मत उजाड़ मेरा संसार,
धरती की बस यही पुकार!!
मैं रूठी तो जग रूठा,
अगर मेरे सब्र का बांध टुटा,
नहीं बचेंगा कोई,
मेरे साथ अगर अन्याय करोंगे,
तो न्याय कह से पाओंगे
कभी बाढ़ तो कभी सुखा,
और भूकंप जैसी आपदा सहते जाओंगे,
धरती की बस यहीं पुकार,
मत उजाड़ों मेरा संसार!!
Vision of mother earth
Explanation:
धरती माता सभी को बांटने के लिए उपहार देती है,
वह उन्हें खुलकर देती है, फिर भी वह जानती है,
वह चीजें बदल रही हैं, शायद बदतर के लिए।
यदि हमारा भविष्य शापित है तो वह कितना और क्या दे सकती है?
पहली बार धरती को धरती पर लाने का समय आ गया है,
हम सभी प्यास से पहले पानी को साफ करने के लिए,
हमारे फेफड़ों को जलाने से पहले हवा को साफ करने के लिए,
मिट्टी को नवीनीकृत करने और इसे जल्दी महसूस करने के लिए।
कब तक वापस न आने की बात?
जब तक हम सभी अंततः सीख नहीं लेते, तब तक
इस कार्य के लिए हम सभी को उठना चाहिए।
और मरने से पहले धरती माँ को गाली देना बंद करो
Learn More.
धरती कहे पुकार के पर निबंध
brainly.in/question/10185884